रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड ट्रेन परियोजना में महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार पर असहयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात में परियोजना के लिए 95 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण हो चुका है जबकि महाराष्ट्र में अभी तक 24 प्रतिशत जमीन ही हासिल की जा सकी है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रतापराव जाधव, मनोज कोटक के पूरक प्रश्नों के उत्तर में रेल मंत्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह सोच है कि रेलवे में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आए एवं तेज गति से ट्रेनें चले। इसी के अनुरूप मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड ट्रेन परियोजना का निर्णय किया गया। इस संबंध में दुनिया की बेहतरीन प्रौद्योगिकी लाने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा, लेकिन हमें खेद है कि महाराष्ट्र में जब से नई सरकार (महाविकास आघाड़ी) आई है, राज्य में इस परियोजना पर पूर्ण विराम लगा दिया गया है। मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड ट्रेन परियोजना को लेकर गुजरात में गति से काम चल रहा है और 95 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। दादरा नगर हवेली में भी काम तेज़ गति से हो रहा है।
गोयल ने कहा कि लेकिन महाराष्ट्र में नई सरकार आने के बाद से कोई काम नहीं हुआ है। राज्य में अभी तक 24 प्रतिशत ही जमीन मिल पाई है। महाराष्ट्र में जहां से हाईस्पीड ट्रेन या बुलेट ट्रेन शुरू होनी है, वह जमीन भी नहीं मिल पाई है। गुजरात में तेज़ गति से काम चल रहा है लेकिन महाराष्ट्र में काम रूका हुआ है।
रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश में हाई स्पीड ट्रेन चले लेकिन महाराष्ट्र सरकार ‘‘रोड़े अटका रही है।’’ गोयल की टिप्पणी का शिवसेना सदस्य अरविंद सावंत ने विरोध किया और इसे ‘‘असत्य’’ बताया। उन्होंने रेल मंत्री से महाराष्ट्र में लोकल ट्रेन और मेट्रो ट्रेन परियोजना की स्थिति बताने को कहा।
इस पर रेल मंत्री ने कहा, एक नेता मुख्यमंत्री बनने के लिये असत्य बोल सकते हैं लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं करती है। लोकसभा में पूरक प्रशन पूछते हुए जाधव ने दावा किया कि राज्य से कई संस्थाओं को बाहर ले जाया जा रहा है, मुंबई का महत्व कम करने का प्रयास किया जा रहा है, ऐसे में महाराष्ट्र की जनता इस परियोजना का विरोध कर रही है।
इस पर गोयल ने कहा कि महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान कोई भी संस्था हस्तांतरित नहीं हुई।उन्होंने आरोप लगाया,‘‘ राज्य की वर्तमान सरकार कोविड-19 से निपटने में विफल रही, इन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, ऐसे में लोग मुंबई छोड़ेंगे तो क्या कह सकते हैं ?’’
प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना के सावंत ने यह भी दावा किया गया कि केंद्र की ओर से राज्य का बकाया पैसा नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, रेल मंत्री ने कहा कि यह सही नहीं है और वास्तव में महाराष्ट्र सरकार के असहयोग के कारण कई परियोजनाओं का काम अटका हुआ है। उन्होंने देश की विभिन्न राज्य सरकारों से सहयोग करने और परियोजनाओं के लिये भूमि देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की भी अपील की।