गुजरात हाई कोर्ट को आज 60 साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया है। 1 मई 1960 में गुजरात हाई कोर्ट की स्थापना हुई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गुजरात हाईकोर्ट ने जिस सत्य निष्ठा से काम किया उससे भारतीय न्याय व्यवस्थाय और लोकतंत्र दोनों को ही मजबूती मिली है।
उन्होंने कहा, हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में भी न्यायपालिका ने समर्पण दिखाया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई जारी रखी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी न्यायपालिका ने हमेशा संविधान की रचनात्मक और सकारात्मक व्याख्या करके खुद संविधान को मजबूत किया है। हमारा जस्टिस सिस्टम ऐसा होना चाहिए जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, हर व्यक्ति के लिए न्याय की गारंटी हो।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन आज बहुत तेज़ी से हमारे जस्टिस सिस्टम को आधुनिक बना रहा है। आज देश में 18,000 से ज़्यादा कोर्ट कम्प्यूटराइज्ड हो चुके हैं। हमारा सुप्रीम कोर्ट आज दुनिया में वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा सबसे ज़्यादा सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट बन गया है।