उत्तराखंड में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चमोली जिले के माणा गांव में विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके बाद पीएम मोदी ने जनसभा को सम्बोधित किया। जय बदरी विशाल और बाबा केदार जयकारा लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश के सभी पर्यटकों से अपील करता हूं कि वे अपने यात्रा बजट का कम से कम 5% स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर खर्च करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माणा गांव को भारत का आखिरी गांव माना जाता है। लेकिन अब से सीमावर्ती इलाकों में स्थित हर गांव को भारत का पहला गांव माना जाएगा। रोपवे परियोजनाओं (गौरीकुंड से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब) का निर्माण न केवल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए है, बल्कि यह राज्य में आर्थिक विकास को गति देगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में सामग्री की डिलीवरी के लिए ड्रोन के उपयोग की दिशा में भी काम कर रही है। पीएम ने कहा, माणा गांव में भी डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच गई है और यहां के दुकानदार भी क्यूआर कोड और अन्य माध्यमों से डिजिटल भुगतान स्वीकार कर रहे हैं… यह मेरे देश की ताकत है। आज माणा में इसे देखकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है।
पर्वतमाला पर भी चल रहा है काम
पीएम मोदी ने कहा, भारतमाला और सागरमाला कनेक्टिविटी परियोजनाओं की तरह, पर्वतमाला के लिए काम चल रहा है जिसके तहत उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में रोपवे परियोजनाओं का एक बड़ा नेटवर्क बनाया जा रहा है। माणा से माणा दर्रे तक बनने वाली सड़क से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि कोई भी पर्यटक यहां से सीमावर्ती गांव माणा बिना जाए वापस न आए।
उन्होंने कहा कि यहां के पर्वतीय क्षेत्र में विकास परियोजनाओं पर काम कर रहे निर्माण मजदूरों को कठिन काम करना पड़ता है। ये मजदूर कोई साधारण काम नहीं, दैवीय कार्य कर रहे हैं। स्थानीय लोग इनका ध्यान रखें ताकि विकास कार्य समय पर पूरे हो सकें।
पीएम मोदी ने कहा, पर्वतीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी एक चुनौती है। हमारी सरकार ऐसे क्षेत्रों में कनेक्टिविटी लाने पर काम कर रही है। प्रदेश को दिल्ली और यूपी से जोड़ने के लिए फोर लेन एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैं। दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा से प्रदेश में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।