प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को श्री केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि केदारनाथ के यात्रा मार्ग पर जो भी कार्य किए जाएंगे, उसमें स्थानीय स्थापत्य कला का विशेष ध्यान रखा जाए। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर समीक्षा में हुई चर्चा की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए कि यात्रियों को गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग पर सभी सुविधाएं मिलें, ऐसी व्यवस्थाएं विकसित हों कि टेक्नोलॉजी के द्वारा तीर्थ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व को दिखाया जाए। श्रद्धालुओं के लिए रूकने के लिए व्यवस्था हो इसके लिए आश्रय बनाये जाए।
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल यात्रा मार्ग के समीप घोड़ों के लिए एक नियत स्थान बनाया जाए। पीएम मोदी ने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि केदारनाथ के पैदल मार्ग और पर्वतीय क्षेत्र की व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर आध्यात्मिक वातावरण और स्थानीय स्थापत्य कला के साथ ही धाम से जुड़ी वैदिक साहित्य, माहाकाव्यों, केदारखंड और पांडुलिपियों में वर्णित जानकारियों का समावेश किया जाएगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ‘ऊँ नमः शिवाय’ की ध्वनि की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि भगवान बद्रीनाथ का मास्टर प्लान तैयार है, इसके प्रस्तुतिकरण हेतु उन्होंने प्रधानमंत्री से समय देने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि केदारनाथ में बनने वाले म्यूजियम के प्रस्तुतीकरण को पीएम मोदी ने सराहा है। उन्होंने यात्रा मार्ग पर यात्रियों की सुविधाओं को लेकर कई सुझाव दिए हैं। इसके अलावा मौसम खराब होने पर यात्रियों को लेकर डॉरमेट्री बनाने का भी सुझाव इसमें शामिल है।