पोलावरम परियोजना से संबंधित एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए। न्यायमूर्ति एस ए नज़ीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने तेलंगाना और एनजीटी में मूल याचिकाकर्ता पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी को नोटिस जारी किया और इस अपील को पहले से ही लंबित इसी तरह के एक अन्य मामले के साथ जोड़ दिया।
सुप्रीम कोर्ट एनजीटी के 18 सितंबर, 2020 के आदेश के खिलाफ ओडिशा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दलील दी गयी है कि उसने राज्य का पक्ष सुने बिना समिति की रिपोर्ट को गलती से स्वीकार कर लिया है। ओडिशा सरकार ने दलील दी कि उसे याचिका में पक्ष नहीं बनाया गया था, समिति में राज्य का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं था और इस मामले में उसे कोई नोटिस नहीं जारी किया गया था।
एनजीटी ने 18 सितंबर, 2020 को चार सदस्यीय संयुक्त समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था। उस समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, तेलंगाना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण और वन मंत्रालय के प्रतिनिधियों के अलावा खम्मम के जिलाधिकारी भी शामिल थे।