अरुणाचल प्रदेश में चार राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्य के क्षेत्र में बदलाव की कोशिश के अलावा कई कानूनों और संविधान का ‘‘जान बूझकर उल्लंघन’’ करने के आरोप में मुख्यमंत्री पेमा खांडू और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है।
पापुमपारे जिले में किमिन पुलिस थाने में गुरुवार को दर्ज शिकायत सीमा सड़क संगठन के असम में किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने से जुड़ी है। यह घटना 17 जून को एक कार्यक्रम की है जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 किलोमीटर लंबी किमिन-पोतिन सड़क और 11 अन्य ऐसी ही परियोजना का उद्घाटन किया।
पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के काहफा बेंगिया और कलिंग जेरांग, जनता दल (यूनाइटेड) की रुही तागुंग और रीबा पांगिया डोलो, कांग्रेस के तेची तेगी तारा और ज्ञामर ताना तथा जनता दल (सेक्यूलर) की जारजुम एटे ने यह शिकायत दर्ज कराई। शिकायकर्ताओं ने आरोप लगाया कि खांडू और रिजिजू ने संविधान के अनुच्छेद तीन की अवमानना करते हुए अरुणाचल प्रदेश राज्य कानून 1987, बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन 1873 (प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट) और अरुणाचल प्रदेश (भूमि समझौता एवं रिकॉर्ड) कानून, 2000 का उल्लंघन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री पर राज्य के क्षेत्र में बदलाव करने की गैरकानूनी कोशिश का भी आरोप लगाया जिससे किमिन में साम्प्रदायिक तनाव और गंभीर अशांति पैदा हुई।
उन्होंने कहा कि खांडू ने 21 जून को एक प्रेस वार्ता में स्वीकार किया था कि वह “White Paste Mishap” के बारे में जानते थे और सिंह के साथ यात्रा कर रहे रिजिजू को इसके बारे में बता दिया था। हालांकि, आज तक दोनों में से किसी ने भी कोई बयान और स्पष्टीकरण नहीं दिया है। ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन और ऑल न्याशी स्टूडेंट्स यूनियन सहित कई छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया था। कुछ दिन पहले सड़क बनाने वाले बीआरओ ने इस मुद्दे पर राज्य की जनता से माफी मांगी थी।