मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है। इसलिए पुलिस अधिकारी मानसिक रूप से सशक्त होने के साथ-साथ तकनीक और कानून के भी अच्छे जानकार बनें।
श्री सिंह मध्यप्रदेश पुलिस के 90 वें सत्र के उप निरीक्षकों के दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा बेहतर पुलिसिंग के लिए तकनीक में पारंगत होना जरूरी है। आपराधिक तत्व भी तकनीक का सहारा लेकर अपराधों को अंजाम देते हैं। इसलिए पुलिस अधिकारी दिमागी, तकनीकी और कानूनी तौर पर सशक्त बनें, जिससे अपराधी बचने न पाएं। धैर्य,संयम व टीम भावना से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें, जिससे आप सब कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर ढंग से पुलिसिंग का काम कर सकेंगे। पुलिस की वर्दी पर सभी की निगाह रहती है और वर्दी अनुशासन की प्रतीक होती है। इसलिए वर्दी का सम्मान रखते हुए पुलिस अधिकारियों को अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आप सबको पुलिस अधिकारी के रूप में समाज सेवा करने का अच्छा अवसर मिला है। जो सताये हुए हैं और अपने आप को कठिनाई में पाते हैं, उनके मददगार बनें। उन्होंने सभी उप निरीक्षकों को बधाई दी और कहा कि आप सब योग्य, कर्मठ, दक्ष एवं संवेदनशील पुलिस अधिकारी बनें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के प्रशिक्षण के लिए हुए प्रभावी नवाचारों की वजह से मध्यप्रदेश पुलिस की पहचान पूरे देश में स्थापित हुई है। यह प्रशिक्षण कर्तव्य निर्वहन के दौरान आप सबके लिए मददगार साबित होगा।
विशेष पुलिस महानिदेशक संजय राणा ने कहा कि प्रशिक्षण की प्रक्रिया जीवन पर्यन्त चलती है। इसलिए दीक्षांत समारोह में शामिल उप निरीक्षक इस प्रशिक्षण को पूर्ण न मानकर अपने भीतर सीखने की जिज्ञासा बनाए रखें। तभी आप सब न केवल सफल पुलिस अधिकारी बन पाएँगे बल्कि अच्छे इंसान भी साबित होंगे। उन्होंने कहा खुशी की बात है मध्यप्रदेश पुलिस की प्रशिक्षण व्यवस्था उत्तरोत्तर रूप से प्रभावी हुई है।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर व जेएनपीए सागर के निदेशक जी.जर्नादन, संजय सिंह उपस्थित थे। पुलिस महानिदेशक ने प्रशिक्षण की विभिन्न विधाओं में अव्वल रहे प्रशिक्षु उप निरीक्षकों को पुरस्कार प्रदान किए।
भौंरी स्थित मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह के आयोजन के साथ ही 444 प्रशिक्षु उप निरीक्षक अब विधिवत रूप से मध्यप्रदेश पुलिस की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। इन उप निरीक्षकों ने मध्यप्रदेश की विभिन्न पुलिस अकादमियों लगभग एक वर्ष का कठिन प्रशिक्षण लिया है। इसके बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों व अलग-अलग थानों इत्यादि में परिवीक्षाधीन उप निरीक्षक के रूप में पदस्थ रहकर पुलिस की कार्यप्रणाली का व्यवहारिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।