भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों के लिए एक ही चरण में बुधवार को हुए रिकार्ड लगभग 75 फीसदी मतदान के बाद सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के दावों प्रतिदावों के बीच अब राजनैतिक पर्यवेक्षक नयी सरकार के गठन को लेकर अपना सटीक अनुमान लगाने में जुट गए हैं। लगभग एक पखवाड़े तक चले राजनेताओं के धुंआधार चुनाव प्रचार के बावजूद मतदाताओं का ‘मौन’ और राज्य की पंद्रह वर्ष पुरानी भाजपा सरकार के खिलाफ कथित असंतोष और सत्ताविरोधी रूझान को लेकर ‘अंडर करंट’ जैसी खबरों के बीच रिकार्ड मतदान को कांग्रेस नेता सरकार के खिलाफ, तो भाजपा नेता अपनी ही सरकार में पक्ष में होने का दावा कर रहे हैं।
बुधवार को पांच करोड़ चार लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग पचहत्तर प्रतिशत यानी तीन करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाताओं ने 2899 प्रत्याशियों का भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर दिया और 11 दिसंबर को मतगणना के साथ इनके भविष्य का फैसला हो जाएगा। लगभग डेढ़ वर्ष पहले राज्य के मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीचालन में लगभग छह किसानों की मौत वाले अंचल में भी लगभग 80 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि वर्ष 2013 के वोट प्रतिशत लगभग 72 प्रतिशत की तुलना में इस बार लगभग 75 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले हैं। वहीं वर्ष 2008 में 69 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े थे। उन्होंने कहा कि इस तरह 2008 की तुलना में 2013 में लगभग तीन प्रतिशत ज्यादा वोट पड़े और भाजपा की सरकार बनी। इस बार भी ज्यादा मत डाले गए और इसका लाभ सत्तारूढ़ दल भाजपा को मिलेगा। उनका दावा है कि निश्चित तौर पर राज्य में लगातार चौथी बार भाजपा की सरकार बनेगी। झा ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में कोई लहर दिखायी नहीं दी।
लोगों ने भाजपा सरकार के काम के आधार पर वोट किया है, जिसने पिछले पंद्रह वर्षों के दौरान राज्य की तस्वीर बदल दी। अब राज्य बीमारू श्रेणी से उबरकर विकसित राज्यों की श्रेणी में आ गया है और भाजपा का अगला लक्ष्य इसे समृद्ध मध्यप्रदेश बनाना है। भाजपा ने इसी आधार पर लोगों से वोट मांगे हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि मतदाताओं ने भाजपा को पूर्ण समर्थन दिया है। झा इस बात से भी इत्तेफाक नहीं रखते कि आम लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ रोष है।
उनका दावा है कि मोदी की लहर अब भी बरकरार है और इसका लाभ भी इस चुनाव में भाजपा को मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि यह रिकार्ड मतदान राज्य सरकार के साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और बढ़ती महंगाई आदि के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के चुनाव के समय की तरह मोदी की लहर अब नहीं है। चौहान की लोकप्रियता में भी कमी आयी है। लोगों में राज्य सरकार के खिलाफ ‘अंडर करंट’ है। शिवराज सरकार से आम लोग ऊब गए हैं। किसान भी परेशान है। वहीं मोदी सरकार की नीतियों के कारण काम धंधे चौपट हो गए हैं।