जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के मार्च में यहां एक रैली को संबोधित करने की घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में कयासों-चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव रंजीत मजुमदार ने सोमवार को यहाँ बताया कि प्रदेश में वाम दलों के तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार के कार्यकाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, सामुदायिक और राजनीतिक अत्याचार के विरोध में धरना-प्रदर्शन किये जायेंगे और रैली आयोजित की जायेगी।
इस कड़ में मार्च के अंत में अगरतला में मुख्य रैली आयोजित की जायेगी जिसे श्री कन्हैया कुमार भी सम्बोधित करेंगे। भाकपा के विरोधी दलों ने कन्हैया कुमार की राज्य में होने वाली रैली की खिलाफत तेज करते हुए कहा है कि उनके भारत विरोधी और नफरत फैलाने वाले भाषण से राज्य की शांति व्यवस्था को खतरा है। इससे सांप्रदायिक ताकतों को बढ़वा मिलेगा। कुछ दलों ने कन्हैया कुमार के भाषण से पहले पर्याप्त उपाय सुनिश्चित करने की राज्य सरकार से मांग की है।