उत्तर-पूर्व के राज्य त्रिपुरा में इन दिनों सियासी संकट का खतरा मुख्यमंत्री के ऊपर गहरा रहा है। मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव के नेतृत्व में भाजपा की सरकार पर राजनीतिक खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में दिल्ली में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व फौरन हरकत में आया और त्रिपुरा में अपनी टीम को भेज दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष के नेतृत्व में चार नेताओं की टीम त्रिपुरा में पार्टी के विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में पलायन की अटकलों के बीच दो दिन के दौरे पर बुधवार को अगरतला पहुंची। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा पिछले डेढ़ वर्षों से मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देब के खिलाफ गंभीर असंतोष के कारण जोरदार राजनीतिक संकट का सामना कर रही है।
त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी सरकार को भंग करने के लिये भाजपा के 12-15 विधायकों समेत करीब 100 कार्यकर्ताओं से तृणमूल नेताओं के संपर्क करने की सूचना मिलने के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के अंदर की समस्याओं को सुलझाने के लिये आगे आया है। भाजपा के असंतुष्ट नेता अब पार्टी में बने लिये तैयार नहीं है। संतोष के नेतृत्व वाली टीम ने अगरतला पहुंचने के बाद यहां भाजपा के मुख्यालय में पार्टी के पदाधिकारियों और अन्य सदस्यों के साथ मुद्दे पर चर्चा की।
इसके बाद टीम ने उप मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा, कैबिनेट के चार भाजपा मंत्रियों और लोकसभा सांसद प्रतिमा भौमिक और रेबती त्रिपुरा के साथ अलग-अलग बैठकें की। संतोष आज रात के भोजन के समय मुख्यमंत्री विपल्व कुमार देब के साथ चर्चा से पहले गठबंधन की सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।