ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम पार्टी से बेदखल नेता ओ पनीरसेल्वम ने बुधवार को पार्टी के अंतरिम जनरल सेक्रेटरी इदापद्दी के पलानीस्वामी को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो एमजीआर की शुरू की हुई पार्टी जिसे जयललिता ने आगे बढ़ाया उसे छोड़कर खुद की पार्टी शुरू कर लें। पनीरसेल्वम ने इस दौरान पलानीस्वामी पर ‘मनी पावर’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। चेन्नई में अपने गुट के पदाधिकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए पनीरसेल्वम कहा कि यह बिना सेल्फ रिस्पेक्ट के, के पलानीस्वामी का खुद का रवैया था, जिसने पार्टी की पकड़ को कमजोर किया है।
ओपीएस आक्रामक तरीके से बात करते आए नजर
ओपीएस गुट के राजनीतिक सलाहकार और पूर्व मंत्री पनरुति एस रामचंद्रन की अध्यक्षता में हुई बैठक में ओपीएस आक्रामक तरीके से बात करते नजर आए। अपने शांत स्वाभाग के विपरीत पूर्व उपमुख्यमंत्री टकराव के मूड में दिखाई दिए। उन्होंने पलानीस्वामी से पूछा, ‘एमजीआर की स्थापित की हुई और जयललिता की पोषित पार्टी का अपमान करने वाले आप कौन होते हैं।’ बैठक में पार्टी नेतृत्व को लेकर पलानीस्वामी से चल रही कानूनी लड़ाई के बीच पनीरसेल्वम गुट के पदाधिकारी व जिला सचिव शामिल हुए।
पलानीस्वामी के नेतृत्व के बारे में कड़ी टिप्पणी
पनीरसेल्वम ने पलानीस्वामी के नेतृत्व के बारे में कड़ी टिप्पणी की। इसके तुरंत बाद, एआईएडीएमके के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने कहा, ‘ओपीएस का मतलब कुछ नहीं बल्कि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है।’ जयकुमार ने आगे कहा, ‘आज जो हो रहा है वह निदेशकों की बोर्ड बैठक है। उन्होंने लोगों को काम पर रखने और उन्हें नौकरी पर रखने के लिए एक विज्ञापन जारी किया है हम इसे राजनीतिक दल नहीं मानते हैं।’
बुधवार को बैठक में अपने भाषण में, पनीरसेल्वम ने कहा कि यह पलानीस्वामी का “बिना किसी सेल्फ रिस्पेक्ट के निरंकुश रवैया” था, जिसके कारण 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार हुई। पनीलस्वामी ने बैठक में पूछा कि, ‘अम्मा की मृत्यु के बाद, उन्हें ‘स्थायी महासचिव’ का सम्मान दिया गया था। यह उनके बलिदान और पार्टी में योगदान के सम्मान में दिया गया था। लेकिन यह नेतृत्व उनके साथ भी विश्वासघात कर रहा है।’ क्या कोई उन्हें माफ करेगा?।