रांची : देश में बढ़ते हुए कोरोना वायरस के मामले को देखते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वायरस को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से सतर्क हैं। हालांकि, राज्य में अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने आया नहीं है। बावजूद इसके हमने वायरस से लड़ने की तैयारी कर रखी है। मुख्यमंत्री झारखंड मंत्रालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सीएम सोरेन ने यह जानकार दी।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि मेरा मानना है कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। राज्य के सभी लोग सरकार के इस अभियान में अपनी सहभागिता निभाएं। कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य सरकार ने पूर्व में ही सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को स्थगित किया है। अब राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को 14 अप्रैल तक बंद करने का आदेश जारी कर रही है। निजी संस्थानों को भी बंद करने का आदेश सरकार जल्द देगी। साथ ही यह भी आदेश दिया जाएगा कि उन संस्थानों में कार्यरत लोगों के वेतन में प्रबंधन कटौती न करे। सार्वजनिक स्थल तथा जिम, स्विमिंग पुल, पार्क, जू आदि भी 14 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं एवं परीक्षा के मूल्यांकन कार्य यथावत जारी रहेंगे। इस क्रम में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था शिक्षण संस्थानों द्वारा की जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगर कोरोना वायरस से कोई संक्रमित होता है, तो पैसे के आभाव में उसका इलाज प्रभावित न हो। इस निमित 200 करोड़ की राशि का उपबंध सरकार ने किया है। संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी संसाधन जुटाया जा रहा है।
इस महामारी के ईलाज हेतु जमशेदपुर में लैब की स्थापना हो चुकी है। जल्द रांची समेत पांचों प्रमंडल में लैब की स्थापना होगी। 300 चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है। 20 मार्च तक जिला स्तर के अस्पताल में भी संसाधन उपलब्ध करा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में सदन का कार्य पूर्व की तरह होगा। विधानसभा आनेवाले आगंतुकों को फिलहाल विधानसभा आने पर रोक लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि सदन के अंदर सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो विधानसभा की कार्यवाही स्थगित भी की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संक्रमण एक दूसरे के संपर्क में आने से अधिक फैलता है। कुछ ही दिनों बाद सरहुल, रामनवमी जैसे पर्व आने वाले हैं। ऐसे में विभिन्न धर्म के ट्रस्ट स्वविवेक से निर्णय लेते हुए किसी भी तरह का आयोजन करें। आप सभी का सहयोग हमें कोरोना से लड़ने में सहायता प्रदान करेगा।
मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने बताया कि कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए सभी जिलों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए है। अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है। राज्य के चिकित्सकों को यह अधिकार दिया गया है कि वे वायरस के संक्रमण के संदेह पर उस व्यक्ति की जांच जबरन कर सकें। इस कार्य में सहयोग नहीं करने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति पर प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है।
जहां तक मास्क समेत अन्य वस्तुओं की कालाबाजारी की बात है तो मामलों के संज्ञान में आने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित होगी। भारत सरकार से प्राप्त आकंड़ों के अनुसार 488 लोग विभिन्न देशों से झारखण्ड आएं हैं, सभी की जांच सुनिश्चित की जा रही है। जांच में अबतक संक्रमण नहीं पाया गया है। झारखण्ड सुरक्षित है सुरक्षित रहेगा।