देहरादून : उत्तराखंड में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को घर तक छोड़ने वाली खुशियों की सवारी सेवा का संचालन करने में जिलों के सीएमओ फेल हो गए। लगभग ढाई माह पहले सीएमओ को सेवा का संचालन करने को कहा गया था। अब इस सेवा के लिए दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से इच्छुक कंपनियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।
बीते मार्च तक 108 और खुशियों की सवारी का संचालक जीवीके संस्था करती थी। प्रदेश में कुल 95 खुशियों की सवारियां संचालित होती थीं। लेकिन, इस बार इन दोनों सेवाओं को जीवीके से ले लिया गया। 108 का निविदा के आधार पर काम कैंपा कंपनी को दे दिया गया, लेकिन खुशियों की सवारी के वाहन अभी जस के तस खड़े हैं। अप्रैल माह में शासन ने खुशियों की सवारियों को जिलों के सीएमओ को संचालित करने के लिए कहा था।
इसके बाद सीएमओ स्तर पर इसके लिए टेंडर आदि किए जाने थे। लेकिन, इसके संचालन में कभी दर कम होने का तो कभी चालक भर्ती होने का पेंच फस गया। सीएमओ इस सेवा के लिए अभी तक चालकों की भर्ती तक नहीं कर पाए थे। इस संबंध में पिछले दिनों कुछ जिलों के सीएमओ ने स्वास्थ्य महानिदेशालय को अवगत करा दिया था।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डायरेक्टर युगल किशोर पंत ने बताया कि जिला स्तर पर इस सेवा का संचालन नहीं हो पा रहा था। लिहाजा इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही खुशियों की सवारियों का जिम्मा निविदा में पात्र कंपनी या संस्था को दिया जा सकता है।
– सुनील तलवाड़