कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग (ईसी) पर मोदी सरकार से ईवीएम से कथित छेड़छाड़ संबंधी राजनीतिक दलों की शिकायतों और मतपत्र को फिर से लाने की उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं करने का ”दबाव” है। सिद्धारमैया ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ हो सकती है और वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनें भी दोष रहित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह मतपत्र वापस लाएगी। 2014 के आम चुनावों के दौरान ईवीएम में धांधली का आरोप लगाते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि इस बार भी ऐसा हो सकता है लेकिन सभी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है और इसलिए, वर्तमान चुनावों में भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर बहुमत मिलना असंभव होगा।
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उनकी टिप्पणी एसे समय में आयी है जब इससे पहले विपक्ष ने ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर चुनाव आयोग पर संयुक्त रूप से निशाना साधा और 50 प्रतिशत मशीनों का वीवीपीएटी पर्चियों के साथ मिलान करने की मांग की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 11 अप्रैल को मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की थी और 150 विधानसभा सीटों पर फिर से चुनाव कराने की मांग की।
सिद्धारमैया ने बताया, ”सभी राजनीतिक दलों ने कई बार चुनाव आयोग से मुलाकात की और ईवीएम के बारे में चिंता जताई, लेकिन उसने शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग मोदी सरकार के दबाव में है।”