कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केरल में महिला मतदाताओं को साधने की कवायद में बुधवार को समाज में उनकी अहम भूमिका का जिक्र किया और कहा कि 47 की उम्र में राजनीति में आने से पहले तक वह भी अपने बच्चों की देखभाल करती थी, घर की साफ-सफाई करती थी और भोजन पकाती थी जैसा कि सभी गृहिणियां अपने परिवार में करती हैं।
गांधी ने गृहिणियों की भलाई के लिए कांग्रेस नीत यूडीएफ के चुनावी वादे का जिक्र करते हुए यहां एक सभा में कहा, ‘‘मुझे यह करके बहुत खुशी होती थी और मैंने इससे एक बड़ी चीज सीखी।’’ छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने ‘न्याय’ योजना के तहत गृहणियों को 2,000 रुपये की पेंशन देने और गरीबों को सालाना 72,000 रुपये देने का वादा किया है।
प्रियंका गांधी (49) ने कहा कि अगर कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आयी तो वह गृहिणियों की मदद के लिए योजना लागू करेगी ताकि वे अपने तरीके से अपने लिए खड़ी हो सकें। प्रियंका ने त्रिशूर जिले के इस शहर में उनका भाषण सुनने के लिए एकत्रित हुईं महिलाओं की ओर देखते हुए कहा, ‘‘आप बहुत खुश दिखाई दे रही हैं। आपको खुश होना चाहिए क्योंकि यह पहली बार है कि कोई राजनीतिक पार्टी या सरकार गृहिणियों के काम को पहचान रही है।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जब वह 47 साल की थी तब वह राजनीति में आयीं। उन्होंने दक्षिणी राज्य में महिला मतदाताओं से कहा, ‘‘25 साल की उम्र से 47 साल की उम्र तक मैं एक गृहिणी थीं। आपको लगता होगा कि प्रियंका गांधी ने कभी अपने घर की सफाई नहीं की होगी लेकिन मैंने अपने घर की सफाई की, मैंने भोजन पकाया, मैं अपने बच्चों की देखभाल करती थी और मैंने वे सभी काम किए जो आप करते हैं।’’
दो बच्चों की मां प्रियंका ने कहा कि उन्होंने गृहिणी के तौर पर एक बड़ी चीज सीखी। उन्होंने कहा, ‘‘आप जो काम करती हैं, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है और आपके बिना बच्चे खुशहाल नहीं होंगे, आपके बिना परिवार खुश नहीं होगा।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तो मैंने गृहिणी के काम का सम्मान करना सीखा। और सच कहूं तो हर सरकार और हर राजनीतिक पार्टी को यह सीखने की जरूरत है।’’ उन्होंने अपने भाषण में न्याय योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आती है तो सबसे पहले हर महीने गरीब परिवारों के खाते में सीधे 6,000 रुपये डालेगी।