बेंगलुरु शहर के कुछ हिस्सों में पिछले सप्ताह भड़की हिंसा के बाद दंगा प्रभावित क्षेत्रों में लागू निषेधाज्ञा को 18 अगस्त से बढ़ा कर 21 अगस्त तक कर दी गई है। दंगे के दौरान पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की जान चली गयी थी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक निषेधाज्ञा की अवधि बढ़ाये जाने का उद्देश्य 11 अगस्त की रात हुई घटना में संलिप्त लोगों द्वारा साक्ष्य को नुकसान पहुंचने, गवाहों और पीड़ितों को धमकाये जाने को टालना है। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस को निषेधाज्ञा आदेश की अवधि विस्तारित करने की जरूरत महसूस हुई।
पंत ने कहा , ‘‘यदि निषेधाज्ञा आदेश हटा दिया गया, तो आरोपी व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ साक्ष्य नष्ट कर सकते हैं, गवाहों को धमकी दे सकते हैं, हिंसा कर सकते हैं तथा निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को और अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाएगी। ’’ उन्होंने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निषेधाज्ञा की अवधि बढ़ा कर 21 अगस्त तक की गई है।
गुजरात में भारी वर्षा का दौर जारी, 400 सड़कें बंद और 94 डैम हाई अलर्ट पर
निषेधाज्ञा आदेश किसी स्थान पर लोगों के एकत्र होने, किसी तरह का हथियार लेकर चलने और कोई जनसभा करने पर प्रतिबंध लगाता है। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर मंगलवार रात डी जे हल्ली और इसके आसपास के इलाकों में हिंसक हो गई भीड़ को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने गोली चलाई थी , जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर यह पोस्ट कथित तौर पर पी नवीन ने डाला था, जो पुलकेशी नगर विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति का करीबी संबंधी है। दंगाइयों ने एक विधायक के आवास और डी जे हल्ली में एक पुलिस थाना फूंक दिया। उन्होंने पुलिस के कई वाहन और निजी गाड़ियां भी आग के हवाले कर दी। विधायक और उनकी बहन का सामान लूट लिया। इस घटना के सिलसिले में करीब 270 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि कई अन्य को हिरासत में लिया गया है।