पटना : राज्यपाल-सह-कुलाधिपति लाल जी टंडन ने डिग्री स्तर की उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में राज्य के सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों की सेवाएं लिए जाने हेतु सशत्र्त अनुमति प्रदान कर दी है। राज्यपाल श्री टंडन ने विभिन्न शिक्षक-संगठनों एवं जन-प्रतिनिधियों आदि के प्रतिनिधिमंडलों द्वारा मिलकर किए गए अनुरोध पर सम्यक् विचारोपरान्त राज्य के सभी कुलपतियों को यह निदेश दिया है कि डिग्री स्तर की उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी सशत्र्त शामिल किया जाना चाहिए। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने कहा है कि मूल्यांकन-कार्य में सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों की सेवा लिये जाने के क्रम में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मूल्यांकन की गुणवत्ता और नियमितता किसी भी रूप में प्रभावित नहीं हो।
उन्होंने कहा कि मूल्यांकन-कार्य में प्रधान परीक्षक के रूप में अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं वरीय शिक्षकों की ही सेवाएं ली जानी चाहिए। साथ ही, समबद्धता प्राप्त महाविद्यालय के परीक्षक शिक्षकों द्वारा मूल्यांकित पुस्तिकाओं में से 05 प्रतिशत पुस्तिकाओं का रैंडम परीक्षण भी अंगीभूत महाविद्यालयों के वरीय शिक्षकों से कराया जाना चाहिए। इस दौरान किसी भी प्रकार की त्रुटि या अनियमितता पाये जाने पर संबंधित परीक्षक शिक्षक एवं संबंधित सम्बद्ध महाविद्यालय के विरूद्ध भी आवश्यक कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने परीक्षा-कैलेण्डर के अनुपालन तथा संबंधित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के व्यापक हित को ध्यान में रखकर उपर्युक्त निर्णय लिया है।