महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को यानी आज महाराष्ट्र के पुणे में एक रैली की, उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए बताया की किन कारणों के चलते राज ठाकरे को अपना 5 जून का अयोध्या दौरा रद्द करना पड़ा। मनसे प्रमुख ने कहा कि ''दो दिन पहले, मैंने अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित करने के बारे में ट्वीट किया था। मैंने जानबूझकर यह ट्वीट किया कि मेरे दौरे को लेकर सभी अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। जो लोग मेरी अयोध्या यात्रा के खिलाफ थे, वे मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे थे। मैंने इस विवाद में नहीं पड़ने का फैसला किया।'' साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के समान नागिरक संहिता का समर्थन करते हुए उसे जल्द देश में लागू करने की मांग की।
समान नागिरक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण पर कही यह बात
उन्होंने कहा मैं पीएम से मांग करता हूं कि वह जल्द देश में समान नागिरक संहिता लागू करें और जनसंख्या नियंत्रण पर भी कानून बनाएं। इसके साथ ही राज ठाकरे ने पीएम मोदी से महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने का भी अनुरोध किया है। इसके अलावा उन्होंने राणा दंपति पर तीखा हमला किया और उनके हिंदुत्व को "नकली" बताया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार और निर्दलीय विधायकों नवनीत राणा और रवि राणा के बीच तनाव को एक नाटक करार दिया। राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि राणा दंपति कुछ दिनों पहले तक शिवसेना नेता संजय राउत के साथ लड़ रहे थे, लेकिन लद्दाख में इन सभी ने एक साथ खाना खाया है। उन्होंने कहा, "क्या मातोश्री एक मस्जिद है? राणा दंपत्ति को वहां जाकर हनुमान चालीसा का पाठ क्यों करना पड़ा? राणा दंपत्ति और उनका हिंदुत्व नकली है।"
मनसे प्रमुख ने सीएम उद्धव ठाकरे पर जमकर साधा निशाना
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी जमकर निशाना साधा, हालही में सीएम ठाकरे ने असली हिंदू को लेकर एक बयान दिया था। जिस पर तंज कस्ते हुए राज ठाकरे ने कहा कि सीएम का बयान बहुत बचकाना है, वह पूछते हैं कि असली हिंदू कौन है, मुझे उनके बयान पर हंसी आती है और यह पूछने का दिल करता है कि मेरी कमीज ज्यादा सफेद है या आपकी? बता दें कि शहर में गणेश कला क्रीड़ा मंच पर हुई रैली से पहले पुणे पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर कई पाबंदियां लगाई थी। स्वरगेट पुलिस स्टेशन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, ठाकरे के भाषण से किसी समुदाय का अपमान नहीं होना चाहिए या लोगों में द्वेष पैदा नहीं होना चाहिए। दिशानिर्देश मनसे कार्यकर्ताओं और कार्यक्रम के आयोजकों पर लागू हुए थे।