कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिनों की यात्रा के लिए अपने लोकसभा क्षेत्र वायनाड में मौजूद हैं। शुरुवार से शुरू इस यात्रा के दौरान राहुल डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) बहुजन संगमम के उद्घाटन सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। शनिवार को उन्होंने वायनाड में मनरेगा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
…मनरेगा को बताया था पैसों की बर्बादी
कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए राहुल ने कहा कि UPA की सरकार ने मनरेगा को संकल्पित, विकसित और लागू किया था। मुझे याद है जब इसका पहली बार उल्लेख किया गया था तब हमें काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। नौकरशाहों, व्यवसायियों ने कहा था कि यह पैसे की बर्बादी है।
उन्होंने कहा, मैं कोविड के दौरान देख रहा था जब हजारों की संख्या में लोग बेरोज़गार हुए वहीं मनरेगा ने लोगों को बचाया था। PM ने उस समय मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया क्योंकि यह स्पष्ट हुआ जो उन्होंने UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था उसी चीज़ ने भारत को कोविड के समय बचाया।
पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, जब मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री को मनरेगा के खिलाफ बोलते हुए सुना तो मैं चौंक गया था। उन्होंने इसे UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था। उन्होंने इसे राजकोष पर एक बोझ बताया था। इससे मुझे एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री वास्तव में मनरेगा की गहराई को नहीं समझ पाए हैं।
किसानों को उनकी स्थिति पर छोड़ दिया गया
राहुल गांधी शुक्रवार को मनांथावडी में एक किसान बैंक के भवन का उद्घाटन और सुल्तान बाथेरी में यूडीएफ बहुजन संगमम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आज हमारे किसानों और कृषि को नजरअंदाज किया जा रहा है। किसानों को बिना किसी समर्थन के उन्हें उनकी स्थिति पर छोड़ दिया गया है। सरकारों को हमारे किसानों और कृषि की रक्षा के लिए काम करना चाहिए।