केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में नए नियमन के मसौदे को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को जमकर केंद्र सरकार पर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि सागर में स्थित भारत के इस ‘आभूषण’ को नष्ट किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़े हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सागर में लक्षद्वीप भारत का आभूषण है। सत्ता में बैठे अज्ञानी कट्टरपंथी इसे नष्ट कर रहे हैं। मैं लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़ा हूं।’’ कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मंगलवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि उसे तत्काल इन मसौदों को वापस लेना चाहिए और प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को प्रशासक के पद से हटाना चाहिए।
Lakshadweep is India’s jewel in the ocean.
The ignorant bigots in power are destroying it.
I stand with the people of Lakshadweep.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 26, 2021
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा था कि कांग्रेस लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़ी है और उनकी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए लड़ेगी। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की।
इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति से यह भी कहा है कि प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को रद्द किया जाए। खबरों के मुताबिक, मसौदा नियमनों के तहत लक्षद्वीप से शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है। इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है।
लक्षद्वीप की अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है, लेकिन विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिये हैं। उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए पी अब्दुल्लाकुट्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेता प्रशासक पटेल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के ‘भ्रष्ट चलन’ को ख़त्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं। अब्दुल्लाकुट्टी लक्षद्वीप में बीजेपी के प्रभारी भी हैं।