कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज मैसूर के महारानी आर्ट्स कॉलेज में छात्रा के बीच पहुंचे। कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव के लिए राहुल गांधी ने अभी से अपनी कमर कसर ली है और वो पार्टी के प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसी प्रचार के चलते राहुल आज महारानी आर्ट्स कॉलेज में बच्चों के बीच पहुंचे। जहां उन्होंने राज्य के मैसूर में महारानी आर्ट्स कॉलेज की छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान वो मंच से नीचे उतर गए। दरअसल, एक छात्रा ने राहुल से कहा, मैं आपके साथ एक सेल्फी क्लिक करना चाहती हूं।’ इस पर राहुल ने कहा- श्योर और वो मंच से नीचे उतर आए। राहुल के नीचे उतरते ही छात्राओं ने तालियां बजाईं। छात्रा के सेल्फी क्लिक करने के बाद राहुल वापस मंच पर चले गए।
इसी कार्यक्रम में राहुल से एक छात्रा ने सवाल किया कि नेशनल कैडेट कोर का सी सर्टिफिकेट पास करने के बाद आप क्या फैसिलिटी देना चाहेंगे? इस पर राहुल ने कहा कि – ‘मैं एनसीसी और उस प्रकार के प्रशिक्षणों के बारे में नहीं जानता इसलिए मैं आपके सवाल का जवाब नहीं दे पाउंगा लेकिन युवा के तौर पर आपको एक मौका देना चाहूंगा ताकि आपका भविष्य सुरक्षित रहे, जहां आपके पास एक सफल शिक्षा हो और आप देश में कामयाब हों।’
इससे पहले छात्राओं से राहुल ने कहा कि नीरव मोदी ने 22,000 करोड़ रुपये कर चला गया। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर आपको 22,000 करोड़ रुपये दिए होते तो आपके जैसी युवा महिलाओं ने कितने व्यवसाय बनाए होते? राहुल ने कहा कि हम एक अर्थव्यवस्था के रूप में बहुत अच्छे तरीके से बढ़ रहे हैं, लेकिन हम नौकरियां नहीं बना पा रहे हैं, इसका कारण यह है कि जिनके पास कुशलता है उन तक पास वित्त की पहुंच नहीं है। समस्या यह है कि, बड़ी मात्रा में पैसा 15-20 लोगों को जाता है।
मैसूर के महारानी आर्ट्स कॉलेज फॉर वुमेन की छात्राओं से बातचीत के दौरान एक छात्रा ने राहुल से सवाल पूछा था कि अगर मैं एनसीसी का सी सार्टिफिकेट लेती हूं तो आप मुझे इसके क्या लाभ देंगे। इस पर राहुल गांधी जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि मैं एनसीसी के बारे में ज्यादा डिटेल में नहीं जानता हूं। इसलिए इस पर ठीक से जवाब नहीं दे पाउंगा।
राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने हैरानी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘इस तरह का बयान’ !!!! सच में, वाह। मेरे जैसे हजारों भारतीय, पीएम नरेंद्र मोदी जी भी स्कूल और कॉलेज में एनसीसी कैडेट रह चुके हैं और एनसीसी ने हमें अनुशासन, सौहार्द और ‘स्वयं से पहले सेवा’ सिखाया। एनसीसी सहना और जीवित रहना है।
वहीं एक एनसीसी कैडेट ने कहा कि ‘एनसीसी देश की दूसरी आर्मी है। हम 15 लाख के करीब हैं। सी सर्टिफिकेट के बाद हमें और अवसरों की जरूरत है जिससे हम भारत को और गौरवान्वित कर सकें। लेकिन उन्हें एनसीसी के बारे में पता होना चाहिए।’
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