महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा रविवार दोपहर मेगा रैली निकली गई। इस रैली में तकरीबन एक लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इसके माध्यम से वह देश में रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान राज ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि जो लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे थे, वे ऐसा क्यों कर रहे थे। सीएए उन मुसलमानों के लिए नहीं है जो यहां पैदा हुए थे। आप किसको अपनी ताकत दिखा रहे हैं? मनसे के शीर्ष नेताओं के साथ ठाकरे ने गिरगांव चौपाटी से रैली का नेतृत्व किया।
यह जगह ऐतिहासिक आजाद मैदान से मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर है, जहां उत्साही भीड़ ठाकरे का इंतजार कर रही थी। ऐसी संभावना है कि वह बाद में रैली को संबोधित कर सकते हैं। इसके पहले ठाकरे अपनी पत्नी शर्मिला, बेटे अतिम ठाकरे के साथ शिवाजी पार्क स्थित घर से निकले और सभी ने पहले प्रभादेवी स्थित 220 साल पुराने सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन कर उनकी आरती की।
इसके बाद गिरगांव चौपाटी की ओर बढ़ने से पहले उन्होंने अपने चाचा व शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक के दर्शन किए। रैली में शामिल होने के लिए पूरे महाराष्ट्र से मनसे कार्यकर्ता सार्वजनिक परिवहन, बसों, निजी वाहन, यहां तक की बाइक से ही शनिवार रात यहां पहुंचने लगे थे।
गिरगांव चौपाटी से लेकर आजाद मैदान तक पूरे मार्ग पर मनसे पार्टी का भगवा झंडा, जिस पर छत्रपति शिवाजी महाराज का शाही मुहर बना हुआ है, लहराता नजर आया। वहीं कुछ लोगों ने अपने बाजू पर पार्टी के चिह्न वाले बैंड पहन रखे थे, जबकि कुछ ने एक जैसी टी-शर्ट और टोपी पहन रखी थी।
शांतिपूर्वक रैली करते हुए कई लोगों ने देश में गैर-कानूनी रूप से रह रहे घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए नारा लगाया, क्योंकि उनकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था, संसाधन और नौकरियां बंट रही हैं, साथ ही देश की सुरक्षा को भी खतरा है। हालांकि राज ठाकरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह रैली सीएए-एनआरसी-एनपीआर के समर्थन में नहीं है।
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23 जनवरी को नया अवतार लेने के बाद मनसे का यह पहला सार्वजनिक शक्ति प्रदर्शन है। वहीं कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के बांद्रा स्थित आवास मातोश्री के बाहर पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने वाले कुछ पोस्टर लगे देखे गए थे। इस दौरान किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए मुंबई पुलिस ने भी 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है, वहीं विशेष बल और कई अन्य इकाईयों को भी तैयार रखा गया है।
साथ ही सादे कपड़ों में भी पुलिस भीड़ के बीच मौजूद है। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता और डीसीपी प्रणय अशोक ने मीडिया को सूचित किया कि “मुंबई पुलिस के अलावा हमने स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स, रियोट कंट्रोल पुलिस, क्विक रिस्पॉन्स टीम, बम्बई डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड के साथ ही पूरे मोर्चा पर ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है।”