केंद्रीय गृह मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने रविवार को ओडिशा के भद्रक जिले का दौरा किया और 1942 में अंग्रेज पुलिस की गोलीबारी में शहीद होने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सिंह का जिले में एक जनसभा को संबोधित करने और बीजेपी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की एक बैठक लेने का भी कार्यक्रम है।
राजनाथ सिंह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी के अन्य नेताओं के साथ दोपहर करीब एक बजे यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित इराम पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने शहीद स्तंभ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि हाल में पुलवामा हुए आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
राजनाथ सिंह ने उत्तर ओडिशा के इस नगर के बाहरी इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आतंकवाद को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान को यह अहसास हो गया कि पांच वर्षों में आतंकवादियों के खिलाफ हमारे सुरक्षा बलों के सफल अभियानों के चलते आतंकवादियों में हताशा और निराशा बढ़ गई है।’’ उन्होंने कहा कि हमले का ‘‘करारा जवाब’’ देने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दे दी गई है। सीआरपीएफ का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जवानों का सर्वोच्च बलिदान (पुलवामा में) व्यर्थ नहीं जाएगा।’’ अमृतसर में जलियांवाला बाग नरसंहार की तरह ही ओडिशा के भद्रक जिले में स्थित एक दूरदराज गांव इराम में अंग्रेज शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुई भीड़ पर अंग्रेज पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 29 लोग मारे गए थे। राजनाथ सिंह ने भद्रक नगर के बाहरी इलाके में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए जाने से पहले यहां भद्र काली मंदिर में दर्शन किया।