6 राज्यों की 26 राज्यसभा सीटों के लिए सुबह 9 बजे शुरू हुई वोटिंग प्रकिया शाम चार बजे पूरी हो गई। अब शाम 5 बजे से मतगणना शुरू हो चुकी है। वही , राज्यसभा चुनावों में सपा और बसपा ने बागी विधायक नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह के वोट को रद्द करने की चुनाव अयोग से अपील की है। दोनों विधायकों के वोट को सपा और बसपा रद्द कराना चाहती हैं। इनका कहना है कि नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह ने किसे वोट किया है उसके बारे में पार्टी एजेंट को जानकारी नहीं दी है। इसलिए इनके वोटो को रद्द किया जाए। दोनों पार्टियों की आपत्ति की वजह से मतगणना भी कुछ देर के लिए रोक दी गई है । लेकिन अब फिर से चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद राज्यसभा चुनाव में काउंटिंग शुरू हो गयी है।
इसमें क्रॉस वोटिंग का भी खेल होने की बात कही जा रही है। क्रॉस वोटिंग करने वालों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक अनिल कुमार सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। सिंह उन्नाव से विधायक हैं। उन्होंने वोट करने के बाद खुलकर अपनी बगावत का एलान करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया है। बता दें कि इससे पहले अनिल कुमार सिंह ने गुरुवार की रात मायावती के घर पर आयोजित रात्रिभोज में हिस्सा लिया था। कहा जा रहा है कि बसपा के भोज के बाद अनिल कुमार सिंह योगी आदित्यनाथ के भी भोज में शामिल हुए थे।
आपको बता दे कि यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए बीजेपी की तरफ से एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिया। जिसके बाद राज्यसभा चुनाव का मुकाबला काफी रोचक हो गया। चुनाव से ठीक पहले बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी को हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया। बांदा जेल में बंद बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी और फिरोजाबाद जेल में बंद सपा के विधायक हरिओम यादव राज्यसभा चुनाव में वोट देने पर रोक लगा दी। जिससे दोनों पार्टियों का एक-एक वोट कम हो गया है। दोनों पार्टियों के लिए उपचुनाव के नतीजों के बाद ये चुनाव किसी अग्निपरिक्षा से कम नहीं है। क्योंकि एक बार फिर सपा और बसपा के गठबंधन की सियासी ताकत के मायनों को आंकने में ये चुनाव निर्णायक होगा और अगर ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई तो विपक्ष के लिए मुसीबत बढ़ सकती है।
बता दें कि देश भर में 59 सीटों के लिए 23 मार्च को राज्यसभा का चुनाव हुआ है। यूपी से इस बार कुल 10 उम्मीदवार राज्यसभा पहुंचने वाले हैं। इसमें से 8 सीटों पर बीजेपी की जबकि एक पर समाजवादी पार्टी की जीत पक्की है। यूपी की 10वीं सीट पर सबसे बड़ा सस्पेंस बना हुआ है। इस सीट पर एसपी-कांग्रेस जहां बीएसपी को जिताने में जुटी हैं, वहीं बीजेपी ने भी 9वां उम्मीदवार दे रखा है।
यूपी में राज्यसभा चुनावों की गणित के मुताबिक एक कैंडिडेट को जीत के लिए 37 विधायकों के मतों की जरूरत है। बीजेपी के पास 311 और सहयोगियों अपना दल एस (9) व सुभासभा (4) को मिलाकर एनडीए के कुल 324 विधायक हो रहे हैं। वहीं एसपी के पास 47, बीएसपी के 19, कांग्रेस के 7, आरएलडी के 1, निषाद के 3 और निर्दलीय तीन विधायक हैं।
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