मोतिहारी : सच ही कहा गया है कि कोई भी प्रतिभा जहां चाह-वहां राह बना ही लेता है। रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता माधव आनंद इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। माधव आनंद एक ऐसे शिक्षित युवा नेता हैं जो कोई भी बात बड़े ही संतुलित एवं सभ्य भाषा में प्रस्तुत करते हैं, उनका विजय स्पष्ट होता है। यही कारण है कि बहुत कम समय में ही वे राजनीति में एक उभरता हुआ नया चेहरा के रूप में अपना एक अलग पहचान स्थापित कर लिये हैं। इनके कार्य-कुशलता के चलते ही इन्हें रालोसपा का चाणक्य भी कहा जाता है और यह सच भी है क्योंकि इनके कार्य से पार्टी की साख बढ़ी है।
उपेन्द्र कुशवाहा के सबसे करीबी माने जाने वाले माधव आनंद मूल रूप से मिथिलांचल के मधुबनी जिला से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन इनका कार्य क्षेत्र चम्पारण है। माधव आनंद भूमिहार जाति से संबंध रखते हैं। कार्यशैली, प्रतिभा के चलते भूमिहारों में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि राजनीति के रणनीतिकार, पत्रकार यह अंदाजा लगा रहे हैं कि महागठबंधन में माधव आनंद ही मात्र एक ऐसे नेता हंै जो भूमिहारों एवं सवर्णों के वोटों को महागठबंधन के पक्ष में कर सकते हैं।
हालांकि महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तय नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक पंडितों एवं पत्रकारों का यह मानना है कि महागठबंधन एनडीए के कद्दावर नेता राधामोहन सिंह के खिलाफ मोतिहारी लोकसभा सीट से माधव आनंद को ही उतारेगा और इसका शुभ संकेत भी मिल रहा है कि माधव आनंद मोतिहारी के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
एनडीए के पास गिरिराज सिंह, राधामोहन ङ्क्षह जैसे सशक्त नेता हैं लेकिन महागठबंधन के पास माधव आनंद को छोडक़र कोई भी ऐसा तेज तर्रार सवर्ण नेता नहीं है जो सवर्णों के वोट को महागठबंधन के पक्ष में कर सकता है। यही कारण है कि यह माना जा रहा है कि मोतिहारी लोकसभा सीट के लिए महागठबंधन की ओर से माधव आनंद का टिकट कन्फर्म है। यदि ऐसा होता है तो चुनाव में राधामोहन ङ्क्षसह और माधव आनंद के बीच गजब का चुनावी टक्कर देखने को मिलेगा।