शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि 2019 के पहले राम मंदिर का निर्माण हो जाये। राउत ने शुक्रवार को विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन करने के बाद पत्रकारों से कहा कि हम सब चाहते हैं कि 2019 के पहले राम मंदिर का निर्माण हो जाये। अगर ऐसा नहीं होता है तो मोदी सरकार को वनवास में जाना तय है।
उन्होंने कहा कि देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया है तो यही जनता चुनाव में उनको वनवास भेजने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मसला न्यायालय से नहीं संसद में अध्यादेश लाकर हल करना चाहिये। संजय राउत ने कहा कि मोदी 24 घंटे के अंदर संसद में राम मंदिर निर्माण के लिये अध्यादेश लाकर समस्या का हल निकाल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती है तो राम का नाम लेने एवं राम के नाम पर वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है। राउत ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि बहुत जल्द ही रामलला का दर्शन करने आयेंगे। जिसकी तारीख की घोषणा वह मुम्बई में आयोजित रैली में करेंगे।
उन्होंने बताया कि नवम्बर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में वह अयोध्या आ सकते हैं। उसी के सिलसिले में मैं पूर्व की तैयारी देखने आज अयोध्या आया हूं और रामलला के दरबार में हाजरी भी लगायी है। संजय राउत ने कहा कि 2019 का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है तो अब लोगों को राम मंदिर की याद आने लगी है और धर्मसंसद समेत अन्य कार्यक्रम कर रहे हैं।
मुगल खानदान के ‘वंशज’ ने भाजपा को याद दिलाया राम मंदिर निर्माण का वादा
उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना का सक्रिय योगदान रहा है जिसमें पूर्व शिवसेना प्रमुख स्व. बाला साहब ठाकरे का भी बहुत समर्थन मिला था। उन्होंने कहा कि बाबरी ढांचा गिराये जाने में शिवसेना की सक्रिय भूमिका रही है। जब ढांचा गिराने की कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा था तब बाला साहब ने कहा था कि बाबरी ढांचा शिवसैनिकों ने गिराया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की हिन्दुत्व वादी सरकार है इसके बावजूद भी मंदिर का निर्माण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 में रामजन्मभूमि पर वोट का मुद्दा नहीं होना चाहिये। शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस तरह से योगी सरकार में संतों की प्रतिष्ठा के साथ खेला जाता है वह किसी सरकार को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि गंगा निर्मलता व शुद्धीकरण के लिये काफी समय से धरने पर बैठे संत की मौत की सीबीआई जांच होनी चाहिये।