केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को कहा कि वह विभिन्न समुदायों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए जातिगत जनगणना कराने के पक्षधर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा नीत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान से मौजूदा आरक्षण प्रणाली प्रभावित नहीं होगी।
विभिन्न वर्गों द्वारा आरक्षण की मौजूदा सीमा को बढ़ाने की मांग के बारे में पूछे गए सवाल पर आठवले ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के लिए सबसे अधिक 69 प्रतिशत आरक्षण है। पूरे देश में ऐसे कई तबके हैं, जो आरक्षण बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।’’ चेन्नई के दौरे पर आए आठवले ने केंद्र द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को न्यायोचित ठहराया और संकेत दिया कि इससे पहले से आरक्षण का लाभ ले रहे वर्गों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
विभिन्न वर्गों द्वारा आरक्षण की मौजूदा सीमा को बढ़ाने की मांग के बारे में पूछे गए सवाल पर आठवले ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के लिए सबसे अधिक 69 प्रतिशत आरक्षण है। पूरे देश में ऐसे कई तबके हैं, जो आरक्षण बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।’’ चेन्नई के दौरे पर आए आठवले ने केंद्र द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को न्यायोचित ठहराया और संकेत दिया कि इससे पहले से आरक्षण का लाभ ले रहे वर्गों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से जातिगत गणना के पक्ष में हूं, लेकिन इस पर फैसला प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है।’’ करीब एक दशक बाद द्रमुक के राज्य की सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ आने पर मंत्री ने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लोगों ने द्रमुक को स्पष्ट जनादेश दिया है, जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में लोग अन्नाद्रमुक-भाजपा को सत्ता में लाने के लिए मतदान करेंगे।’’