पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट में हुई हिंसा ने एक बार फिर ममता सरकार और राज्यपाल को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है। रामपुरहाट में आठ लोगों की मौत की घटना को भयावह करार देते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि यह इस बात का संकेत है कि राज्य ‘हिंसा एवं अराजकता’ की संस्कृति की गिरफ्त में है।
इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव से शीघ्र ही इसके संबंध में जानकारियां मांगी है। यहां से करीब 220 किलोमीटर दूर बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में तृणमूल कांग्रेस के उपपंचायत प्रमुख की हत्या के बाद कुछ घरों में कथित रूप से आग लगा दी गयी जिससे आठ लोगों की जलकर मौत हो गई।
यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का संकेत है
Horrifying violence and arson orgy #Rampurhat #Birbhum indicates state is in grip of violence culture and lawlessness. Already eight lives lost.
Have sought urgent update on the incident from Chief Secretary.
My thoughts are with the families of the bereaved. pic.twitter.com/vtI6tRJcBX
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) March 22, 2022
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘ बीरभूम के रामरपुरहाट में भयावह हिंसा एवं आगजनी इस बात का संकेत है कि राज्य हिंसा की संस्कृति एवं अराजकता की गिरफ्त में है।’’ उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का संकेत है। उन्होंने इस ट्वीट के साथ, टीवी पर प्रसारित संदेश में कहा, ‘‘ प्रशासन को दलीय हित से ऊपर उठने की जरूरत है जो आगाह किए जाने के बाद भी हकीकत में नजर नहीं आ रही है।’’
पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार धूल चाट रहा है
पुलिस से इस मामले की जांच पेशेवर ढंग से करने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को इस घटना के बारे में तत्काल उन्हें जानकारियां भेजने को कहा है। धनखड़ ने कहा, ‘‘इस मामले के बाद, अपने आप को इस निष्कर्ष पर पहुंचने से रोक पाना बड़ा मुश्किल है कि पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार धूल चाट रहा है एवं कानून के शासन की नैया पलट गयी है।’’