झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर शहर के चौराहें पर लगाने में मामले में हेमंत सोरेन सरकार सख्त हो गई है। बता दें कि, राज्यपाल की ओर से आदेश मिलने के बाद पुलिस ने शहर में 14 जून को 33 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए थे, हालांकि कुछ समय बाद इन्हें वहां से हटा लिया गया था। लेकिन अब सरकार इसे लेकर सख्त हो गई है और इस कार्रवाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है, जिसके लिए एसएसपी को भी तलब किया गया है।
प्रधान सचिव ने एसएसपी को भेजा पत्र
राज्य सरकार के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने उपद्रवियों के पोस्टर लगाने के मामले में एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को एक पत्र भेजा है। बता दें कि, इस पत्र में रांची में हुई घटनाओं में नाजायज मजमों में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों और हिंसा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के फोटो सहित पोस्टर रांची पुलिस द्वारा लगाए गए, जिनमें कई व्यक्तियों के नाम और अन्य विवरण भी दिए गए हैं।
प्रधान सचिव ने एसएसपी को भेजा पत्र
राज्य सरकार के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने उपद्रवियों के पोस्टर लगाने के मामले में एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को एक पत्र भेजा है। बता दें कि, इस पत्र में रांची में हुई घटनाओं में नाजायज मजमों में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों और हिंसा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के फोटो सहित पोस्टर रांची पुलिस द्वारा लगाए गए, जिनमें कई व्यक्तियों के नाम और अन्य विवरण भी दिए गए हैं।

एसएसपी पर ऐक्शन ले सकती है सोरेन सरकार
प्रधान सचिव की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि, यह कार्रवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से 9 मार्च 2020 को दिए गए आदेश के खिलाफ है। पत्र में एसएसपी से अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के दो दिनों के अंदर समपर्पित करने के लिए कहा गया है। खबरों के मुताबिक, हेमंत सरकार इस मामले में एसएसपी पर ऐक्शन ले सकती है। बता दें कि, सत्ताधारी पार्टी के अलावा सरकार के मंत्री भी पुलिस के इस कदम की आलोचना कर चुके हैं।
प्रधान सचिव की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि, यह कार्रवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से 9 मार्च 2020 को दिए गए आदेश के खिलाफ है। पत्र में एसएसपी से अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के दो दिनों के अंदर समपर्पित करने के लिए कहा गया है। खबरों के मुताबिक, हेमंत सरकार इस मामले में एसएसपी पर ऐक्शन ले सकती है। बता दें कि, सत्ताधारी पार्टी के अलावा सरकार के मंत्री भी पुलिस के इस कदम की आलोचना कर चुके हैं।
