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फड़णवीस की खुफिया डाटा रिपोर्ट पर राउत का तंज – यह फुस्स पटाखा है जिसमें सुतली तक नहीं है

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में पुलिस तबादले में ‘‘भ्रष्टाचार’’ पर राज्य के खुफिया विभाग की जिस रिपोर्ट का भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने हवाला दिया है, उसमें दम नहीं है ।

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में पुलिस तबादले में ‘‘भ्रष्टाचार’’ पर राज्य के खुफिया विभाग की जिस रिपोर्ट का भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने हवाला दिया है, उसमें दम नहीं है । 
राउत ने दिल्ली में संवाददाताओं के साथ बातचीत में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख का भी बचाव किया जो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि राकांपा नेता (देशमुख) अपने पद पर बने रहेंगे। जब राउत से रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘‘ वे (फड़णवीस और भाजपा) कोई परमाणु बम लेकर थोड़े ही घूम रहे हैं। बल्कि यह फुस्स पटाखा है जिसमें सुतली तक नहीं है।’’ 
मंगलवार को फड़णवीस ने दावा किया था कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार राज्य के खुफिया विभाग की ‘अभियोजन’’ योग्य रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की जिसमें पुलिस तबादले एवं पदस्थापना में ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’’ के बारे में पकड़ी गयी बातचीत है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनके पास उचित अनुमति के बाद तत्कालीन आयुक्त (खुफिया) रश्मि शुक्ला द्वारा पकड़ी गयी ‘6.3 जीबी डाटा’की बातचीत है जहां कई पुलिस अधिकारियों के नामों की चर्चा की गयी है। 
उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से भेंट की थी और इस रिपोर्ट की सीबीआई जांच की मांग की थी। राउत ने कहा कि फड़णवीस द्वारा दिखायी गयी रिपोर्ट में ऐसा दमदार सामग्री नहीं है जो एमवीए को मुश्किल में डाल सके। उन्होंने भाजपा को इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह विभाग ‘इन कागजों’ का परीक्षण करने का फैसला करने में सक्षम हैं। 
राउत ने कहा, ‘‘ फड़णवीस राज्य सरकार के साथ यह मुद्दा सकते थे जिससे महाराष्ट्र की गरिमा सुनिश्चित होती। लेकिन उसमें (रिपोर्ट में) तनिक भी दम नहीं है, इसलिए वह दिल्ली आये। दिल्ली को ऐसे फुस्स बम छोड़ने की आदत रही है।’’ 
उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन में ऐसे कुछ अधिकारी हो सकते हैं जिनकी निष्ठा (भाजपा की अगुवाई वाली) पुरानी सरकार के प्रति हो। 
उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने शायद किसी नेक इरादे से कुछ रिपोर्ट तैयार की हो। मुख्यमंत्री तय करेंगे कि इन कागजों के साथ क्या करना है।’’ जब उनसे राकांपा प्रमुख और स्वयं उनके द्वारा यह कहे जाने पर मुख्यमंत्री देशमुख के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे, तब शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ आप (मीडिया वाले) पिछले 10 दिनों से यह सवाल पूछ रहे हैं। आपको वह जवाब नहीं मिला जो आपके दिमाग में है। अनिल देशमुख अपने पद पर बने रहेंगे।’’ 
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एमवीए विपक्ष द्वारा उठाये गये मुद्दों को ‘‘बिना किसी गंभीरता के मनोरंजन के रूप ले रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम उनकी अगली फिल्म के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं।’’ इस घटनाक्रम पर ठाकरे की चुप्पी पर राउत ने कहा, ‘‘ जरूरत क्या है? इसमें मुख्यमंत्री को अपने आप बोलने के लिए है ही क्या? 
राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए राज्य सरकार द्वारा सुझाये गये 12 नामों को मंजूरी नहीं देने को लेकर राउत ने भगत सिंह कोश्यारी पर भी निशाना साधा। सरकार ने पिछले साल नवंबर में इन नामों की सिफारिश की थी। शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘ राज्यपाल बनने से पहले वह कल तक आरएसएस के प्रचारक थे। वह (उत्तराखंड में) भाजपा के मुख्यमंत्री थे। वह केंद्र में मंत्री थे। तो क्या उन्हें (भाजपा) कार्यकर्ता कहना अपमान है। यदि कोई मुझे शिवसेना का कार्यकर्ता कहता ह ता मैं गर्व से कहूंगा कि मैं कार्यकर्ता हूं।’’ 
जब उनसे कहा गया कि कोश्यारी तो अब संवैधानिक पद पर हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘ जो व्यक्ति किसी संवैधानिक पद पर होता है, उसे उस पद की गरिमा सुनिश्चित करनी चाहिए। वहां बैठकर कौन संविधान का उल्लंघन कर रहा है।’’ 

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