पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा यह आरोप लगाने के एक दिन बाद कि आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों को विभाजित करने के लिए भाजपा हैदराबाद की एक पार्टी को पैसे दे रही है, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि मुस्लिम मतदाता उनकी (ममता की) ‘जागीर’ नहीं है। इस बीच ओवैसी के इस बयान पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने निशाना साधा है। वहीं ममता बनर्जी का समर्थन भी किया है।
संजय राउत ने कहा कि “ममता दीदी का अनुभव बड़ा है देश में जिस तरह से AIMIM चुनाव लड़ रही है और वोटों का बंटवारा करने की जो मशीन उसने लगाई है। देश के मन में जरूर ये आशंका पैदा होती है कि आपका (AIMIM) एजेंडा क्या है। लेकिन मुझे लगता है आप कुछ भी करो पश्चिम बंगाल में जीतेगी तो ममता दीदी ही।
वहीं किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना सांसद ने कहा कि “सरकार अगर चाहती तो किसानों के साथ बैठकर आधे घंटे में यह मसला खत्म कर सकती है। प्रधानमंत्री जी खुद हस्तक्षेप करेंगे तो यह पांच मिनट में हल हो जाएगा। मोदी जी इतने बड़े नेता हैं उनकी बात सब लोग मानेंगे। आप (PM) खुद बात कीजिए, देखिए क्या चमत्कार होता है।”
बता दें कि हैदराबाद के सांसद ने ट्वीट किया कि ममता बनर्जी उन मुसलमानों को पसंद नहीं करती हैं जो अपने लिए सोचते और बोलते हैं। तृणमूल कांग्रेस की नेता द्वारा लगाए गए आरोप को खारिज करते हुए ओवैसी ने कहा कि कोई भी उन्हें पैसे से नहीं खरीद सकता है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “अब तक आपने केवल आज्ञाकारी मीर जाफर्स और सादिक से डील किया है। आप उन मुसलमानों को पसंद नहीं करती हैं जो अपने लिए सोचते और बोलते हैं।”
ओवैसी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस नेता ने बिहार के उन लोगों का अपमान किया जिन्होंने एआईएमआईएम को वोट दिया। ओवैसी ने लिखा, “याद रखें कि बिहार में उन पार्टियों के साथ क्या हुआ जो अपनी असफलता का दोष ‘वोट कटवा’ मुस्लिम मतदाता के सिर मढ़ते रहे? मुस्लिम मतदाता आपकी जागीर नहीं है।” ममता ने मंगलवार को कहा था कि अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित करने के लिए भाजपा ने हैदराबाद से एक पार्टी को पकड़ लिया। उन्होंने कहा, “भाजपा उन्हें पैसे देती है और वे वोटों को विभाजित कर रहे हैं। बिहार चुनाव ने इसे साबित कर दिया है।”
एआईएमआईएम ने पिछले महीने बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीती थीं। भाजपा की मदद के लिए ‘धर्मनिरपेक्ष’ वोटों को विभाजित करने के लिए पार्टी को अपने विरोधियों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, ओवैसी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।