मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद वृंदा करात ने शुक्रवार को केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर राजधानी के तुगलकाबाद इलाके में तोड़ गये रविदास मन्दिर को फिर से बनाने और समाधि को उसी स्थान पर रहने देने की मांग की।
श्रीमती करात ने पत्र में लिखा है कि यह मन्दिर आजादी से पहले से ही स्थित था और श्रद्धालु रविदास सरोवर के पास आकर उन्हें श्रद्धांजलि देने थे। पचास के दशक में मन्दिर को बनाया गया लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इसे अतिक्रमण कर बनाये जाने का आरोप लगाते हुए 10 अगस्त को तोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि वह खुद 14 अगस्त को दलित शोषण मुक्ति मंच के पदाधिकारियों के साथ गयीं थी और उन्होंने वहाँ जाकर सब कुछ देखा है। उन्होंने कहा कि अ़खबारों में पढ़ है कि आपने इस मामले में उप राज्यपाल से मुलाकात भी की और आप मन्दिर तथा समाधि को वैकल्पिक स्थान देने के बारे में विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार उच्चतम न्यायालय में आस्था के सवाल पर राम मन्दिर के निर्माण की वकालत कर रही है दूसरी तरफ रविदास मन्दिर को तोड़ दिया गया क्योंकि वह दलितों का मन्दिर था।
उन्होंने कहा कि मन्दिर के पास ही रवि दास मार्ग और बस स्टॉप भी है, अगर यह अतिक्रमण था तो यह मार्ग और स्टॉप रविदास के नाम पर कैसे बना। उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल निकालने के लिए रविदास मन्दिर दोबारा बनाया जाये और समाधि वहीं रहने दी जाए।