महाराष्ट्र सियासत में तख्तापलट के बाद भी बागी व शिवसेना में मची रार रूकने का नाम नही ले रही हैं। कल ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया हैं। जिसके बाद शिवसेना से अलग होने वाले विधायक दीपक केसरकर ने ठाकरे परिवार को आड़े हाथों ले लिया हैं, उन्होनें कहा हमारी भी एक सीमा हैं, लेकिन वे उद्धव ठाकरे के खिलाफ नहीं बोलेंगे, उन्होंने आगे कहा, ‘हम अभी भी मानते हैं कि वह हमारे नेता हैं। हमारे पास सभी सवालों के जवाब हैं लेकिन इसकी एक सीमा है।’
लोकतंत्र को प्रभावित करेंगा इसलिए चुनौती दी जाएगी
दीपक केसरकर ने उद्धव ठाकरे के शिवबंधन को लेकर कहा की कार्यकर्ता से 100 रूपये के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं, शिवसेना में शामिल होने वाले व्यक्ति के साथ प्यार का बंधन होता हैं। ऐसा करना सिर्फ कार्यकर्ताओं को गुमराह का तरीका है। एकनाथ शिंदे को शिवसेना से निकाले जाने पर दीपक केसरकर ने कहा इसे चुनौती दी जाएगी यह लोकतंत्र को प्रभावित करेंगा।
आपको बता दे कि शिवसेना में बगावत होने के बाद उद्धव ठाकरे की संगठन व कट्टर छवि पर गृहण लग गया हैं। एकनाथ शिंदे बागी होने के बाद से ही शिवसेना की विरासत पर अपना हक जता रहे हैं , एकनाथ शिंदे का कहना हैं कि हमारे पास दो तिहाई बहुमत हैं इसलिए शिंदे गुट को ही असली शिवसेना का नाम दिया जाए। अब एकनाथ शिंदे व उद्धव ठाकरे अब एक दूसरे के निशाने पर आने लगे हैं क्योंकि शिंदे को पार्टी से सभी पदों से हटाने पर बागी विधायक भड़क गए और उन्होनें इसको चुनौती देने की बात कही हैं।