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एनआईटी को लेकर केंद्र को भेजी रिपोर्ट

रिपोर्ट पर केंद्र सरकार के रुख और निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। उधर, एनआईटी सुमाड़ी में आंदोलनरत 900 में से 109 छात्र कैंपस में लौट आए हैं।

देहरादून : एनआईटी श्रीनगर में आंदोलनरत छात्रों की मांगों के समाधान की दिशा में राज्य सरकार ने ठोस कदम बढ़ा दिए हैं। अस्थायी कैंपस के लिए हाईवे से होकर जाने में दुर्घटनाओं के अंदेशे को देखते हुए राज्य सरकार अस्थायी कैंपस के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया जाएगा। ये रास्ता आइटीआइ परिसर और रेशम उद्यान से होते हुए अस्थायी कैंपस को जोड़ेगा।

वहीं स्थायी कैंपस के लिए सुमाड़ी और नजदीक स्थान पर उपलब्ध 300 एकड़ भूमि का दोबारा तकनीकी परीक्षण कराया जाएगा। इसके आधार पर उक्त भूमि के बारे में फैसला होगा। राज्य सरकार ने उक्त दो बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्र में एनआईटी स्थायी कैंपस के अपने रुख को कायम रखा है। राज्य को अब उक्त रिपोर्ट पर केंद्र सरकार के रुख और निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। उधर, एनआईटी सुमाड़ी में आंदोलनरत 900 में से 109 छात्र कैंपस में लौट आए हैं।

शेष छात्रों को कक्षाओं में लाने को मनाने के प्रयास अभी जारी हैं। एनआईटी श्रीनगर में अस्थायी और स्थायी कैंपस का मामला सुलझने में पेच फंसे होने से खफा 900 छात्र बीते अक्टूबर माह में संस्थान को छोड़कर चले गए थे। गैर हाजिर छात्रों को मनाने के लिए राज्य सरकार पूरी ताकत झोंके हुए है।

हालांकि, सरकार स्थायी कैंपस को पर्वतीय क्षेत्र से शिफ्ट करने की मांग को खारिज कर चुकी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और श्रीनगर के विधायक व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से वार्ता कर चुके हैं।

आईटीआई परिसर और रेशम उद्यान की भूमि पर बनेगा मार्ग
अब छात्रों की मांगों पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। रिपोर्ट में राज्य सरकार ने अस्थायी कैंपस तक पहुंचने के लिए हाईवे से गुजरने की झंझट और दुर्घटना के अंदेशे को रोकने को फार्मूला सुझाया है। इसके मुताबिक सरकार श्रीनगर में आइटीआइ परिसर और रेशम उद्यान की भूमि पर साढ़े पांच मीटर मार्ग बनाएगी।

यह कार्य पीडब्ल्यूडी को सौंपा जाएगा। वहीं श्रीनगर के समीप सुमाड़ी में एनआइटी के स्थायी परिसर के लिए चयनित 300 एकड़ भूमि का दोबारा तकनीकी परीक्षण कराया जाएगा। तकनीकी जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार फैसला लेगी।

इसके अतिरिक्त विकल्प के तौर पर जलेथा गांव में भी भूमि देखी गई है। स्थायी परिसर के लिए भूमि पर निर्णय लेने को तकनीकी शिक्षा अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।

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