पटना : ब्राह्मण एवं सवर्ण जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करना आर्थिक आधार पर अब असंवैधानिक है इसे तत्काल रद्द किया जाये। विश्वविद्यालय में प्वाइंट रोस्टर प्राणी से एसटी, एससी, ओबीसी को कॉलेज में भी उनके संवैधानिक अधिक से वंचित करना का कार्यक्रम है इसे रद्द किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट 8 अक्टूबर, 2013 को फैसला दिया था जहां रिजल्ट पर विवाद के बाद पेपर ट्रेल मशीन से निकलने वाली कागजी मतपत्रों का भी रिकाउंटिंग होनी चाहिए। आदेश पर चुनाव आयोग अमल नहीं करके सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अब अवमानना कर रहा है। ये बातें आज गांधी मैदान में हजारों की संख्या में भरे जन आक्रोश महारैली को बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. एल. मातंग साहब ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि ओबीसी जाति आधारित जनजगणना करायी जाये ताकि मालूम हो सके कि कौन जाति की जनसंख्या कितनी है। नीतीश सरकार ने भूमिहीन एवं गरीबों को पंाच डिसमिल जमीन देने का वादा किया था लेकिन उन्होंने जमीन नहीं देकर वादाखिलाफी करने का काम किया। 100 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए रिजर्वेशन, इम्लीमेंटेंशन एक्ट बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उक्त मुद्दे को लेकर हमने भारत बंद भी बुलाया था तथा हमारे कार्यकत्र्ताओं को झूठे मुकदमा में फंसाया भी गया था उसे वापस लिया जाये। महिलाओं को संख्या आधारित निर्वाचन क्षेत्र लागू होनी चाहिए। अल्पसंख्यक कॉलेजों में शिक्षकों का पेंशन जारी करो, आदिवासी को जल, जंगल और जमीन पर असंवैधानिक तरीके से कब्जा बंद करना चाहिए। जंगल में रहने वाले आदिवासी को मूल अधिकार दिया जाये। महिलाओं के आबरू से हो रहे खिलवाड़ को रोका जाये, किसान आयोग का गठन किया जाये और फसल मूल्य निर्धारित हो। सच्चर कमिटी की रिपोर्ट लागू किया जाये, बेरोजगारों को रोजगार दिया जाये। महंगाई के अनुनसार वृद्धि की जाये।
श्री मातंग ने एक प्रश्न के उतर में कहा कि जब हमलोग अमेरीका, फ्रांस, चाइना से सामान आयात कर सकते हैं लेकिन उन देशों में इबीएम मशीन से चुनाव नहीं कराया जाता है वहां बैलेट पेपर से कराया जाता है वह भारत में भीलागू किया जाये। उन्होंने पिछले दिन पुलवापमा में हमारे 50 सैनिकों को शहीद होना पड़ा, जबकि एक सप्ताह पहले ही गृह मंत्रालय को खुफिया रिपोर्ट मिली थी लेकिन गृह मंत्रालय एक सप्ताह से कहां सोयी थी। जबकि एक बोतल शराब भी कोई ले नहीं जा सकता है और 300 क्विंटल बारूद किस तरह से गाड़ी में ले गया।
हमारा खुफिया तंत्र कहां सोया हुआ था जिस गाड़ी में बारूद ले जाया गया उसमें कितने लोग बैठे थे उन सभी की लाश कहां पर है। सरकार से जनता मांगती है। अगर केन्द्र सरकार खुफिया रिपोर्ट पर सावधानी बरतती होती हो इतने जवानों की जाने नहीं जाती। गृह मंत्रालय को अपने ऊपर जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। सभा को संबोधित करने वालों में भागीरथी मांझी, प्रदेश अध्यक्ष जौहर आजाद, सरफुद्दीन अहमद, रघुनीराम शास्त्री, सोमप्रकाश यादव, रतन लाल, प्रो. सुरेश मंडल, विजय कश्यप, डा. पीएनपी पाल, डा. उमाशंकर साहनी, बमुपा के किरण चौधरी, जनार्दन अनुरागी आदि ने किया।