देश में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध और गत साल पहले देश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध जो हंगामा बरपा था, उस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि राज्य में डीएमके नीत सरकार के द्वारा विधानसभा के आने वाले बजट सत्र में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।
इस विषय पर सदन में अपनी बात रख रहे द्रमुक के सदस्य तमिलझारसी के बीच में दखल देते हुए स्टालिन ने कहा कि केंद्र ने जब ये तीनों कृषि कानून बनाए तब से ही द्रमुक ने उन्हें वापस लेने की मांग की है, क्योंकि ये किसानों के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि (उनकी) सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित करने का अपना निर्णय स्पष्ट कर चुकी है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि चूंकि द्रमुक के सत्ता संभालने के बाद यह पहला सत्र है और जब राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस चल रही है तब ऐसे प्रस्ताव स्वीकार करना उपयुक्त नहीं होगा। स्टालिन ने कहा कि इसी प्रकार, चूंकि सीएए ने ‘‘देशभर के अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को प्रभावित किया है और उनके बीच डर फैल गया है’’ इसलिए केंद्र से इस संशोधित नागरिकता कानून को भी वापस लेने की मांग करते हुए बजट सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।