पटना : रालोसपा के मुख्य प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि ने कहा कि पटना के गांधी मैदान में एनडीए द्वारा संकल्प रैली का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी रैली के मुख्य अतिथि थे। डब्ल इंजन के सरकार ने सरकारी तंत्र का भरपुर सहयोग लिया फिर भी रैली में अपेक्षित भीड़ नहीं जूट सकी। सडक़ों पर प्रदर्शनी की तरह पोस्टर जरूर पटा था। रैली में लगभग 200 करोड़ रूपया खर्च किया गया। पर रैली पूरी तरह से असफल रही।
प्रधानमंत्री जी के पिछले बार 2014 के रैली के एक चौथाई भीड़ मात्र गांधी मैदान में देखने को मिला। मंत्रियों और विधायकों के आवास पर खाने-रहने का व्यवस्था किया गया था। पण्डाल में व्यंजन सजाया गया था पर खाने वालों का अता-पता नहीं था। प्रधानमंत्री जी उत्साहित भाषण गांधी मैदान में नहीं दे सके। अगर भाजपा अकेले रैली करती तो इससे ज्यादा लोग रैली में सिरकत करते। प्रधानमंत्री जी ने 2014 में जनता से किये हुए वादा जैसे दो करोड़ युवाओं को रोजगार देना, 15 लाख खातों में देना, शिक्षा की गारन्टी जैसी बातों का जिक्र नहीं कर सके।
प्रधानमंत्री जी सिर्फ ससती लोकप्रियता के लिए पुलवामा घटना के शहिदों तथा 27 तारीख को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राईक के घटना का जिक्र करने में पूरा भाषण समाप्त कर दिये।
नीतीश जी को लगा था कि बिहार की जनता आतंकवादी घटनाओं को प्रोपगेंडा फैलाकर गांधी मैदान में बुला लेंगे। पर उन्हें मालुम होना चाहिए कि बिहार की जनता सजग है, उन्हें पता है कि चूनाव के तारीख नजदीक आते ही एनडीए की सरकार देश की जनता को विकास से ध्यान हटाकर आतंकवाद की ओर ले भटकाना चाहती हैं। सरकार द्वारा सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा है। देश के सभी राजनीतिक दल, नेता आतंकबाद पर एक साथ खड़ा है। शहीद सैनिको पर एनडीए नेता राजनीती न करे।