मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश को दलगत राजनीति में नहीं बांटना चाहती और विपक्ष सरकार को मिले जनादेश का सम्मान करे। कमलनाथ ने आज अपने ट्वीट में कहा कि सरकार प्रदेश को विकास की दृष्टि से देश में शीर्ष पर ले जाना चाहती है। प्रदेश के विकास का एक नया नक़्शा बनाना चाहती है।
प्रदेश हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, वह प्रदेश को दलगत राजनीति में बाँटना नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष से भी शुरू से यही अपेक्षा कर रही है कि वो सकारात्मक राजनीति करते हुए प्रदेश के विकास में सहयोग करे। हमें जो जनादेश मिला है, विपक्ष उसका सम्मान करे।
हम विपक्ष से भी शुरू से यही अपेक्षा कर रहे है कि वो सकारात्मक राजनीति करते हुए प्रदेश के विकास में हमें सहयोग करे,हमें जनादेश मिला है,विपक्ष उसका सम्मान करे।
हम अभी भी विपक्ष से प्रदेश हित में,प्रदेश के विकास के लिये सहयोग की उम्मीद व अपेक्षा करते है।
2/2— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 25, 2019
उन्होंने कहा कि वे अभी भी विपक्ष से प्रदेश हित में, प्रदेश के विकास के लिये सहयोग की उम्मीद व अपेक्षा करते हैं। विधानसभा में कल एक विधेयक पर मत विभाजन के माध्यम से सरकार के शक्ति परीक्षण के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
सरकार के शक्ति परीक्षण के बाद MP की राजनीति में उथल-पुथल, BJP नेताओं की आज होगी बैठक
कल विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती देने के लगभग चार घंटे बाद ही एक संशोधन विधेयक पर मतदान के जरिए कांग्रेस ने एक ओर जहां बहुमत साबित कर दिया, वहीं भाजपा के दो विधायकों को अपने पाले में लाकर विपक्ष को फिलहाल बैकफुट पर ला दिया।