देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के जारी प्रकोप के बीच त्रिपुरा से बड़ राहत भरी खबर आई और राज्य गुरुवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो गया। गोवा, मणिपुर के बाद त्रिपुरा कोरोना मुक्त होने वाला तीसरा राज्य है।
मुख्यमंत्री विप्लव देव ने आज ट्वीट कर कहा कि राज्य से दूसरा मरीज लगातार जांच के बाद कोरोना निगेटिव पाया गया है और इसलिए हमारा राज्य कोरोना मुक्त हो गया। मेरा राज्य की जनता से अनुरोध है कि हर कोई सामाजिक दूरी बनाये रखने के साथ ही सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें।‘ स्टे होम,स्टे सेफ‘।’’
I thank all the Doctors, Healthcare staffs, all front line Warriors & public for making Tripura a Corona free state.
By maintaining social distancing and proper guidelines we shall try our best to maintain this.
May Mata Tripurasundari bless us.#IndiaFightsCorona
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) April 23, 2020
उन्होंने सभी डाक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, सभी अग्रणी पंक्ति के योद्धाओं और जनता को राज्य को कोरोना मुक्त करने में योगदान के लिये आभार जताया। सभी को दिशा-निर्देशों का पालन कर यह स्थिति बनाये रखने में आगे भी योगदान रखना होगा।वहीं,देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’के मरीजों के ठीक होने की रफ्तार में इजाफा हो रहा है और कल कोरोना के 388 मरीजों के ठीक होने के बाद यह संख्या बढ़कर 4324 हो गई है और ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ें बढ़कर 19़ 89 प्रतिशत हो गया है। इसके अतिरिक्त पहले देश में चार जिले ऐसे थे जिनमें 28 दिनों से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया था लेकिन इसमें अब आठ जिले और जुड़ गए हैं और इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है जिनमें कनार्टक का चित्रदुर्ग, छत्तीसगढ़ का बिलासपुर, मणिपुर का पश्चिमी इंफाल, मिजोरम का एजल पश्चिम, तेलंगाना का भद्रादि कोथागुडम, उत्तर प्रदेश का पीलीभीत, पंजाब का एसीएस नगर और गोवा का दक्षिण गोवा जिला है। देश में 78 जिले ऐसे हैं जहां पिछले 14 दिनों से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने गुरुवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या इस समय 21699 है और बुधवार को 1409 नये मामले सामने आए थे। इसके अलावा 41 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 686 हो गई है। उन्होने बताया कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की महामारी से लड़ने में देवदूत की भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान वाला कानून पूरे देश में लागू हो गया।