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Uttarakhand: उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को आज नौवां दिन है। बता दें 12 नवंबर की सुबह 5 बजे के आसपास ये हादसा हुआ था। तब से मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इसी बीच टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए सरकार पांच-विकल्प योजना पर काम कर रही है। साथ ही रोबोट की सहायता भी ली जाएगी।
Tunnel में 41 जिंदगियों को बचाने जाएगा रोबोट
'Rescue Operation' में ली जाएगी रोबोट की मदद
पांच अलग-अलग एजेंसियां तेजी से कर रही है काम
आपको बता दें सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार 12 नवंबर से उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इसके लिए पांच-विकल्प वाली कार्ययोजना पर काम कर रही है। बचाव अभियान आठवें दिन भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है और केंद्र श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाएं और सूखे मेवे भेज रहा है।
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, "सुरंग में ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए आगर मशीन को फिर शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। फंसे हुए लोगों तक खाना पहुंचा रहे पाइप के अतिरिक्त एक और बड़े व्यास का पाइप मलबे में 42 मीटर अंदर तक डाल दिया गया है जिससे उन तक जरूरी चीजें पहुंचाई जा सकें."
परीक्षण करने के लिए रोबोट की ली जा सकती है सहायता
सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया है कि मलबे की सतह और सुरंग की छत के बीच की जगह का परीक्षण करने के लिए रोबोट की सहायता ली सकती है जिससे यह पता चल सके कि जीवन रक्षा के लिए यहां से कोई पाइप डाला जा सकता है। उन्होंने कहा, "सरकार सभी मजदूरों को सुरक्षित निकलने के लिए प्रतिबद्ध है।हम उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसाद रोधी दवाएं और सूखे मेवे भेज रहे हैं."