आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी के मौके पर कई अहम मुद्दों पर बात की गई है। उन्होंने देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर कई सारी बात कही है। उन्होंने सरकार से उद्यमिता बढ़ाने पर जोर देने के लिए कहा है।
बेरोजगारी पर भागवत का बड़ा बयान
दरअसल, आज मोहन भागवत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा, ' सरकार को देश में उद्यमिता की प्रवृति बढ़ानी चाहिए। क्योंकि, सभी लोग सरकारी नौकरी करना चाहते है। उन्हें नौकरी से मतलब है। उसके लिए युवा इधर-उधर भागते रहते है, जबकि कुल मिलाकर 20 से 30 प्रतिशत ही नौकरी होती है। सभी को नौकरी नहीं मिल सकती ना ? इसलिए हमे उद्यमिता बढ़ानी होगी। लोग अपना काम करेंगे और दूसरों को भी रोजगार देंगे।'
आरएसएस के महासचिव ने भी बढ़ती महंगाई का उठाया था मुद्दा
बता दें, मोहन भागवत से पूर्व आरएसएस के महासचिव ने भी बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर बड़ा बयान बीते दिनों दिया था। दरअसल, आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे, जो स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित की गई थी। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की। उन्होंने सबसे पहले गरीबी का जिक्र करते हुए कहा, 'मुझे इस बात का अफ़सोस है कि देश के 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और 23 करोड़ लोगों की प्रतिदिन 375 रुपये से भी कम कमाई है। उनके लिए इस महंगाई में जीवनयापन करना काफी चुनौतीपूर्ण काम है। '
गरीबी एक राक्षस-जैसी चुनौती: दत्तात्रेय होसबाले
वही, उन्होंने आगे कहा, 'हमारे लिए गरीबी एक राक्षस-जैसी चुनौती है। ये जरूरी है कि हम इस दानव को समय रहते हुए खत्म करे। हमारे देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 2.2 करोड़ और शहरी क्षेत्रों में 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं। इनके पास काम नहीं है। हमारे लिए रोजगार पैदा करना काफी जरूरी है। ' हम सिर्फ अखिल भारतीय योजनाओं पर आश्रित नहीं रह सकते है। हमे स्थानीय योजनाओं की भी जरूरत है।'