देश के विभिन्न हिस्सों से इन दिनों धार्मिक घटनाओं के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होता। उन्होंने कहा कि जिन समाजों को हिंसा प्रिय है, वे अपने आखिरी दिन गिन रहे हैं।
महाराष्ट्र के अमरावती पहुंचे मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि ‘‘हिंसा से किसी का भला नहीं होता। जिस समाज को हिंसा प्रिय है, वे अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एकसाथ लाना और मानवता की रक्षा करना आवश्यक है। हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है।''
मोहन भागवत गुरुवार को अमरावती के भानखेड़ा रोड पर कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोरदिया के 'गद्दीनशीनी' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। समारोह का अमरावती जिले और देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के सैकड़ों सदस्य हिस्सा बने। इस दौरान उन्होंने सभी समुदायों को एकसाथ लाने और मानवता के संरक्षण का आह्वान किया।
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आरएसएस नेता ने कहा, ‘‘कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे और कई लोग जमीन की कीमत पर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आये। सिंधी समुदाय को केंद्र सरकार पर विश्वविद्यालय की मांग पूरी करने के लिए दबाव बनाना होगा।"
उन्होंने कहा, ‘‘समाज एक सिंधी विश्वविद्यालय और एक अखंड भारत के लिए इच्छुक है। ये भावनाएं इस मंच पर भी व्यक्त की गईं। मुझसे सिंधी विश्वविद्यालय के लिए प्रयास करने की अपील की गई, लेकिन मैं सरकार का हिस्सा नहीं हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार हो या कोई अन्य, यह समाज के दबाव पर काम करती है। सामाजिक दबाव सरकार के लिए पेट्रोल की तरह है।यदि आप सिंधी विश्वविद्यालय के अपने सपने को साकार होते देखना चाहते हैं, तो आपको इस सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है।''