महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोले जाने को लेकर घमासान मचा हुआ है। वहीं इस संबंध में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिठ्ठी पर सियासत शुरू हो गई है। धार्मिक स्थलों को खोले जाने के मामला में मुख्यमंत्री और राज्यपाल आमने-सामने आ खड़े हुए है। अब इस शिवसेना सांसद संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आयी है।
संजय राउत ने कहा, ”महाराष्ट्र सरकार संविधान में लिखे गए सेक्युलर शब्द के वास्तविक अर्थ को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति को लेकर फैसले ले रही है। ऐसे में, राज्यपाल द्वारा लिखी गई चिठ्ठी साबित करती है कि वे भारत के संविधान का पालन करने के लिए तैयार नहीं हैं।”
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दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि 1 जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं। सीएम उद्धव से सवाल करते हुए उन्होंने लिखा, यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की।
राज्यपाल की चिट्ठी का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ने कहा, मुझे आपसे हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा,जैसा कि अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, ठीक उसी तरह से फिर एक बार में इसे पूरी तरह से रद्द करना भी ठीक नहीं होगा। राज्य में कोरोना वायरस संबंधी हालात की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा।