आगामी विधानसभा चुनावों से पहले केरल सरकार ने राज्य में सबरीमला और सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दर्ज मामलों को बुधवार को वापस लेने का फैसला किया है। विपक्षी कांग्रेस की तरफ से सरकार के इस कदम का स्वागत किया गया है।केरल सरकार के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उन मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया जो “गंभीर प्रकृति के नहीं” थे। राज्य में 2018-19 के दौरान सबरीमला प्रदर्शन से संबंधित करीब 2000 मामले विभिन्न जिलों में दर्ज किये गए थे।
सबरीमला प्रदर्शन के तहत ‘नामजप यात्रा’ में अग्रणी रहने वाले राज्य के एक प्रमुख जाति आधारित संगठन ‘द नायर सर्विस सोसाइटी’ (एनएसएस) ने पूर्व में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाने की मांग की थी। नेता विपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने इस कदम को ‘देर आए दुरुस्त आए’ करार दिया।