परभणी जिले में पाथरी के निवासियों ने साईंबाबा के जन्म स्थल के बारे में अपने दावे पर कानूनी वैधता पाने के लिए अदालत का रूख करने का फैसला किया है ।
साईं जन्मभूमि पाथरी संस्थान के सदस्यों ने बताया कि पाथरी साईंबाबा का जन्मस्थान है, यह साबित करने के लिए प्रमाणों के साथ वह बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में याचिका दाखिल करेंगे। शिरडी में समाधि लेने के 102 साल बाद साईं के जन्मस्थान को लेकर विवाद पैदा हो गया है ।
कुछ निवासियों का दावा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिरडी मंदिर ट्रस्ट के दबाव के कारण पाथरी के साईंबाबा के जन्मस्थल होने पर अपने बयान से पलट गए।
विधानपार्षद और कार्यसमिति के अध्यक्ष बाबाजानी दुर्रानी ने बताया कि पाथरी के निवासी इस मुद्दे पर अदालत का रूख करेंगे।
दुर्रानी ने बताया, ‘‘शिवसेना के सांसद संजय जाधव ने ठाकरे से पाथरी के निवासियों से मुलाकात के लिए समय मांगा, लेकिन मना कर दिया गया और हमें बताया गया कि विवाद को नहीं बढ़ाऐं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे के समाधान के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया है और ठाकरे से मुलाकात नहीं करेंगे। वकीलों का एक दल पाथरी आएगा और अगले सप्ताह अदालत में एक याचिका दाखिल करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें बुरा नहीं लगेगा कि पाथरी के लिए सरकारी अनुदान नहीं आए लेकिन पाथरी साईंबाबा का जन्मस्थान है, इस पर हम अपना दावा कभी नहीं छोड़ेंगे।’’