छत्रपति शिवाजी के वंशज संभाजी राजे राज्यसभा चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं। उन्होंने अपना नामांकन भी वापस ले लिया। चुनाव न लड़ने का औपचारिक ऐलान करते हुए राजे ने कहा कि मैंने खरीद-फरोख्त से बचने के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया है। मैं शिवाजी महाराज का वंशज हूं और मेरा भी अपना गौरव है।
संभाजी राजे ने कहा कि मेरा किसी भी राजनीतिक दल से कोई द्वेष नहीं है। मुझे यह चुनाव निर्दलीय लड़ना था। लेकिन समर्थन ना मिल पाने की वजह से यह संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल का अपना एजेंडा है। जिसके साथ मेरा जाना संभव नहीं है। मेरे लिए चुनाव से ज्यादा जनता महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि अब मैं पूरे महाराष्ट्र का दौरा करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे लिए महाराष्ट्र के 42 विधायक मेरी ताकत नहीं हैं। बल्कि राज्य की जनता मेरी ताकत है। राजे ने कहा, “मैंने खरीद-फरोख्त से बचने के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया है। मैं शिवाजी महाराज का वंशज हूं और मेरा भी अपना गौरव है। मैं महाराष्ट्र में स्वराज्य संगठन को मजबूत करूंगा।”
राजे का शिवसेना पर धोखे का आरोप
संभाजी राजे का कहना है कि शिवसेना ने उनके साथ धोखा किया है। वो शिवसेना से राज्यसभा के लिए समर्थन चाहते थे। लेकिन शिवसेना ने उनके सामने पार्टी में शामिल होने की शर्त रख दी थी। जबकि संभाजी राजे निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते थे। इसी बात पर आम सहमति न बन पाने की वजह से शिवसेना ने उन्हें समर्थन देने से अपरोक्ष रूप से इंकार कर दिया।