महाराष्ट्र सरकार ने राज्य मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को दी गई आम सहमति को वापस ले लिया है। जिसके बाद महाराष्ट्र के किसी भी केस में सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेना जरूरी होगा। सरकार के इस फैसले पर शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
संजय राउत ने गुरुवार को उद्धव सरकार के इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा, एक राष्ट्रीय मुद्दे के मामले में सीबीआई को जांच करने का अधिकार है। राज्य के मामलों में पहले से ही हमारी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है, इसमें हस्तक्षेप के कारण हमें यह निर्णय लेना पड़ा।’
उन्होंने कहा, सीबीआई छोटे-छोटे मामलों में भी घुसने लगी, सीबीआई का अपना एक वजूद है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में अगर कोई राष्ट्रीय कारण है तो सीबीआई को जांच करने का अधिकार है। मुंबई या महाराष्ट्र पुलिस ने किसी विषय पर जांच शुरू की, किसी और राज्य में FIR दाखिल की जाती है वहां से केस सीबीआई को जाता है और सीबीआई महाराष्ट्र में आ जाती है। अब ये नहीं चलेगा, महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस का अपना एक अधिकार है जो संविधान ने दिया है।
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी एक आदेश बुधवार को जारी किया। जिसके अनुसार इस कदम के तहत सीबीआई को अब राज्य में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी जो महाराष्ट्र सरकार द्वारा 22 फरवरी 1989 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी और उसे किसी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी। लेकिन बाद में मामला पटना में अभिनेता के पिता द्वारा दर्ज कराये गए एक प्राथमिकी के आधार पर सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार अब अगर सीबीआई किसी मामले की जांच करना चाहती है तो उसे सहमति के लिए राज्य सरकार से संपर्क करना होगा।