राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका ये समर्थन राजनीतिक नहीं, बल्कि आदिवादी के प्रति उनका सम्मान है। वहीं शिवसेना के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने शिवसेना के वैचारिक दलबदल पर सवाल उठाया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने ये फैसला लिया है कि पार्टी द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी। ये हमारी इच्छा और आदिवासी के प्रति सम्मान है। ये राजनीतिक समर्थन नहीं है, ये हमारी भावना है। राउत ने कहा कि यह देखना अहम है कि जनभावना क्या है।
शिवसेना के फैसले से कांग्रेस नाखुश
द्रौपदी मुर्मू समर्थन देने के शिवसेना के फैसले से कांग्रेस नाखुश नजर आ रही है। कांग्रेस लगातार उद्धव ठाकरे के इस निर्णय की निंदा कर रही हैं। शिवसेना के इस फैसले पर कांग्रेस के बड़े नेता बालासाहेब थोराट ने कटाक्ष करते हुए चिंता व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रपति चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए चल रहा हमारा संघर्ष है। यह महिला बनाम पुरुष या आदिवासी बनाम गैर-आदिवासियों का सवाल नहीं है।
पहले भी NDA उम्मीदवार को समर्थन दे चुकी है शिवसेना
यह पहला मौका नहीं है, जब शिवसेना ने अपने गठबंधन से इतर उम्मीदवार का समर्थन किया है। इससे पहले 2007 में भी उसने एनडीए में रहते हुए यूपीए की कैंडिडेट प्रतिभा पाटिल को समर्थन दिया था। तब उसने मराठी नेता के नाम पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। इसके बाद 2012 में उसने प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। अब वह महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है तो उसने एनडीए उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान किया है।