महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार आज अपना एक वर्ष पूरा करने जा रही है और राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सत्ता से हटाने की भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद सत्ता पर उनकी पकड़ मजबूत हुई है। वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र पर हमेशा प्रेशर पॉलिटिक्स रहेगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र दोनों राज्यों का स्वभाव संघर्ष करना है और करते रहेंगे। प्रेशर पॉलिटिक्स से आप अगर महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन करना चाहते हैं तो हम आपको शुभकामनाएं देते हैं पर हम शुद्ध राजनीति करना चाहते हैं।
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन वाली एमवीए सरकार ने अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है और इसका श्रेय ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार के बीच घनिष्ठता को दिया जाता है, हालांकि ये आरोप भी लगते रहें हैं कि सहयोगी दलों के बीच समन्वय की कमी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के साथ लंबी चली खींचतान के बाद शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ कर राकांपा और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई। उन्होंने पिछले वर्ष 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
कोरोना वायरस महामारी और प्राकृतिक आपदाएं जैसे चक्रवात निसर्ग, पूर्व विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़ आदि घटनाओं ने ‘ठाकरे सरकार’ के सामने कड़ी चुनौतियां पेश की। जानकारों का कहना है कि इस दौरान मुख्यमंत्री पर घर से काम करने के आरोप लगे लेकिन इसके अलावा उन पर कोई आरोप नहीं लगा।
इसके अलावा उन्हें और उनके बेटे आदित्य को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में फंसाने की कोशिशें भी नाकाम साबित हुईं। आदित्य राज्य सरकार में मंत्री हैं। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे सब को साथ ले कर चलने पर विश्वास करते हैं, अपने को किसी पर थोपते नहीं हैं।
पुणे में एसआईआई के दौरे के समय प्रधानमंत्री के साथ नहीं रहेंगे महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री
संजय राउत ने कहा कि “प्रधानमंत्री महाराष्ट्र आ रहे हैं। हमेशा महाराष्ट्र ने राष्ट्रीय नेताओं का खुले दिल से स्वागत किया है। प्रधानमंत्री जी हमारे नेता हैं और उनका स्वागत करना हमारा कर्तव्य है।” वहीं पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के दौरे के समय शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी। बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री और राज्यपाल पुणे में नहीं रहेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सूचित किया है कि चूंकि प्रधानमंत्री बहुत कम समय के लिए आ रहे हैं इसलिए उनकी मौजूदगी की आवश्यकता नहीं है।’’ मोदी ने देश में कोरोना वायरस के टीके के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए शनिवार को तीन शहरों का दौरा अहमदाबाद के पास जाइडस कैडिला के टीका उत्पादन संयंत्र के दौरे के साथ शुरू किया।