मदरसों में पढाई जाएगी संस्कृत, जाने कौन से राज्य में

दो या दो से अधिक लोगो के बीच संवाद करने का माध्यम भाषा होती है जिससे विचारो का आदान – प्रदान आसान हो जाता है
मदरसों में पढाई जाएगी संस्कृत, जाने कौन से राज्य में
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दो या दो से अधिक लोगो के बीच संवाद करने का माध्यम भाषा होती है जिससे विचारो का आदान – प्रदान आसान हो जाता है। भाषा कोई भी हो वह लोगो को जोड़ने का कार्य का करती है। जब बात संस्कृत भाषा की हो तो बहुत सी चीजे साथ चलती है। सबसे पुरानी व स्पष्ट भाषा संस्कृत को माना जाता है।  मदरसो का नाम जब भी आता है तो सबसे पहले दिमाग में उर्दू भाषा के लफ्ज आते है लेकिन क्या आपको पता है भारत एक राज्य में मदरसों में संस्कृत पढाई जाएगी।  
होगी अध्यापको की नियुक्त 
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने  मीडिया से बात करते हुए बताया की उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मदरसों में एन सी ई आर टी  के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसमें संस्कृत भाषा पढाई जाएगी।  इसके लिए अध्यापक भी नियुक्त किए जाएंगे।  शादाब शम्स ने कहा बड़े पैमाने में लोगो का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ रहा है।  
मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने पत्र लिखकर की अपील
मिली जानकारी के अनुसार लगभग छह साल पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री को मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने पत्र लिखकर अपील की थी कि मदरसों के पाठ्यक्रम में संस्कृत को जोड़ा जाए लेकिन इसे अव्यावहारिक बताते हुए मदरसों में संस्कृत पढ़ाने से इनकार कर दिया गया था। लेकिन अब इस ओर कार्य हो रहा है।  उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के वैज्ञानिक और इस्लामिक शिक्षा को मिलाकर शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने के कार्यक्रम को लेकर राज्य के मदरसों ने बहुत उत्साह दिखाया।  
40-50 मदरसों ने हमसे संपर्क कर उनके यहां भी आधुनिकीकरण किए जाने की मांग
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड चेयरमैन शादाब शम्स ने बताया कि कार्यक्रम के पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में चार मदरसों में किए गए शिक्षा के आधुनिकीकरण को देखते हुए करीब 40-50 मदरसों ने हमसे संपर्क कर उनके यहां भी आधुनिकीकरण किए जाने की मांग की है।   इन मॉडर्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का ड्रेस कोड भी होगा, जो वक्फ बोर्ड तय करेगा.
पढ़ाई के साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था
शम्स ने यह भी बताया कि फिलहाल 117 मदरसों में भी संस्कृत शिक्षा दी जाएगी।  पढ़ाई के साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जा रही है।   उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, अगर यहां संस्कृत नहीं पढ़ाई जाएगी तो कहां पढ़ाई जाएगी।   अब मुस्लिम समाज के लोग भी बदलाव चाहते हैं।  मदरसों के अपग्रेडेशन से वे भी खुश हैं।  

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